लखनऊ (ब्यूरो)। मडिय़ांव निवासी अभिषेक सिंह ने बताया कि उनका परिवार अजीज नगर के रायपुर में डॉ वीरेंद्र प्रताप पब्लिक इंटर कॉलेज का संचालन करता है। वह परिवार समेत विकास नगर इलाके में रहते हैं। कॉलेज के सामने दस हजार स्क्वॉयर फीट का एक प्लॉट है, जिसमें 22 सितंबर को कुछ लोग प्लॉट पर कब्जा करने के लिए वकीलों के साथ पहुंचे थे। दबंगों ने प्लॉट पर मौजूद चौकीदार को धमकाकर भाग दिया और वहां लगे सीसीटीवी तोड़ दिए। इस मामले की शिकायत मडिय़ांव थाने में की गई और दबंगों के खिलाफ तहरीर भी दी गई थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दबंगों को भगाकर प्लॉट पर कब्जा वापस दिला दिया, लेकिन पुलिस ने कब्जा करने आए लोगों के साथ-साथ दो पक्षीय कार्रवाई करते हुए शांति भंग की कार्रवाई की।

मृत को भी बना दिया आरोपी
अभिषेक सिंह ने बताया कि पुलिस की दो पक्षीय शांति भंग की कार्रवाई में प्लॉट के चौकीदार के साथ-साथ उनके स्वर्गीय चाचा वीरेंद्र प्रताप सिंह को भी शांति भंग की आशंका में पाबंद कर दिया और उनके खिलाफ भी नोटिस जारी कर दी। जिन्हें 16 अक्टूबर को एसीपी अलीगंज कार्यालय में हाजिर होने का आदेश है जबकि वीरेंद्र प्रताप सिंह का निधन एक जुलाई 1992 को ही हो चुका है।

पुलिस कमिश्नर से करेंगे शिकायत
अभिषेक सिंह का कहना है कि पुलिस ने उनकी शिकायत के बाद भी उन्हें व उनके परिवार के लोगों के खिलाफ शांति भंग में पाबंद कर दिया। उनके 29 साल पहले स्वर्गीय चाचा वीरेंद्र प्रताप सिंह को भी पाबंद कर दिया। मामले में वह अब बुधवार को पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर से मिलकर शिकायत करेंगे। हालांकि इसकी मौखिक शिकायत उन्होंने मंगलवार को पुलिस कमिश्नर के पीआरओ से भी की है। वहीं इस मामले में इंस्पेक्टर मडिय़ांव मनोज कुमार सिंह का कहना है कि लिपिक त्रुटि के चलते गलत नोटिस चला गया है। इस मामले में नोटिस में सुधार का निर्देश दे दिया गया है।