लखनऊ (ब्यूरो)। इन दिनों मुंबई जाना वह भी ट्रेन से काफी मुश्किल हो गया है। कारण यह है कि मुंबई जाने वाली ट्रेनों में लोगों को आसानी से टिकट ही नहीं मिल रहा है। आलम यह है कि तत्काल का टिकट लेने के लिए लोग सुबह चार बजे लाइन में लग जाते हैं लेकिन इसके बाद भी उन्हें कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा है।

पहला नंबर होने के बाद भी वेटिंग

इंदिरानगर निवासी राहुल शर्मा को अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने मुंबई जाना था। गुरुवार की ट्रेनों से तत्काल कोटे से कंफर्म टिकट लेने के लिए वह सुबह चार बजे ही रेल आरक्षण केंद्र पहुंच गए। उनको काउंटर का पहला नंबर मिला। उन्होंने सोचा अब तो कन्फर्म टिकट मिल ही जाएगा लेकिन सुबह 10 बजे तत्काल कोटे का रिजर्वेशन खुला तो पहला नंबर होने के बावजूद वेटिंग आ गई। उनके पीछे जम्मूतवी के टिकट के लिए खड़े रमेश सिंह को कंफर्म टिकट तो मिल गया, लेकिन दो मिनट के भीतर इस ट्रेन में भी वेटिंग हो गई।

वापसी के लिए भी लोग परेशान

नियमित ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट के बीच रेलवे की स्पेशल ट्रेनें चलाने की कवायद भी कम हो गई है। मुंबई से राजधानी आने वाले भी अब मुंबई वापसी के लिए परेशान हैं। उनके पास भी अब सिर्फ तत्काल कोटे का ही सहारा बचा है। तत्काल कोटे के लिए लोग सुबह चार बजे से रेल आरक्षण केंद्रों पर लाइन लगा रहे हैं।

इन ट्रेनों में भी आ रही समस्या

वहीं जम्मूतवी, काठगोदाम, चंडीगढ़ और कोलकाता जैसे शहरों की ट्रेनों में भी एसी और स्लीपर की एक-एक सीट के लिए यात्रियों को पसीना छूट रहा है। आसानी से इन ट्रेनों में भी लोगों को कन्फर्म की सीटें नहीं मिल रही है। दिल्ली तो बड़ी संख्या में लोग बसों से ही जाना बेहतर मान रहे हैं।

दलालों का सिंडीकेट सक्रिय

मुंबई में सक्रिय दलालों का सिंडिकेट वहीं के आरक्षण केंद्रों पर तत्काल कोटे का कंफर्म टिकट बनवा ले रहा है। वहां से यात्रियों को मूल टिकट की जगह एसएमएस भेजा जा रहा है। रेलवे ने गोरखपुर पनवेल एक्सप्रेस और अवध एक्सप्रेस में यह मामला पकड़ा है। इस कारण लखनऊ के रेल आरक्षण केंद्रों पर पहला नंबर होने के बावजूद अधिकांश यात्रियों को मुंबई का वेटिंग टिकट मिल रहा है।