लखनऊ (ब्यूरो)। गेस्ट्रोसर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ। अंशुमान पांडेय ने कहा कि मोटापा से निजात पाने के लिए ब्रेरियाट्रिक सर्जरी कराई जा कसती है। संस्थान में न्यूनतम स्तर पर अच्छी बैरियाट्रिक सुविधा होना और सुपर स्पेशियलिटी सुविधा दी जा रही है। मोटापे से लडऩे और कोरोना से जीतने वाले मरीज डबल वारियर हैं। मोटापे की वजह से जोड़ और सांस संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। 60-70 प्रतिशत मोटे लोगों को बीपी व दिल समेत दूसरी बीमारी हो सकती हैं। जिन लोगों का शरीर भारी है, उन्हें कोरोना से बचाव की वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।

केस 1
मोटापा से ग्रसित 64 वर्षीय दमयंती ने लोहिया संस्थान में पतला होने की सर्जरी कराई थी। बाद में कोरोना हुआ तो वो बेहतर तरीके से लड़ सकीं क्योंकि पतला होने की वजह से वो अन्य दुष्प्रभावों से बची रहीं।

केस 2
55 वर्षीय रामबख्श सिंह किडनी डोनर के साथ गठिया के मरीज थे। वजन ठीक होने के कारण वे बेहतर तरीके से कोरोना से निपट सके। अब वो परिवार समेत एक हेल्दी लाइफस्टाइल जी रहे हैं।

दिल के मरीज रहें सावधान
कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ। भुवन चंद्र तिवारी के मुताबिक मोटे लोगों में दिल की बीमारी का खतरा सामान्य लोगों के मुकाबले दोगुना से अधिक रहता है। ऐसे लोगों की दिल की धमनियों में रुकावट आ सकती है। जिन्हें दिल की बीमारी है और शरीर मोटा है, उन्हें अगर कोरोना होता है तो उनकी हालत कई गुना अधिक बिगड़ सकती है। इस दौरान निदेशक डॉ। सोनिया नित्यानंद, गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉ शकील मसूद समेत अन्य मौजूद रहे।