- सोशल मीडिया पर रेमडीसिविर इंजेक्शन व आक्सीजन सप्लाई का बुना था जाल

- दो दर्जन से ज्यादा लोगों से की ठगी, 9वीं और 10वीं के दो छात्र पकड़े गए

LUCKNOW:

तीन छात्रों से सोशल मीडिया पर रेमडीसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सप्लाई का झांसा देकर लोगों से हजारों रुपए ठग लिए। यही नहीं इनकी इस हरकत के कारण एक व्यक्ति की ऑक्सीजन न मिलने से जान भी चली गई। इसकी शिकायत पुलिस से की गई तो पुलिस ने इसकी जांच शुरू की तो पता चला कि यह सारा खेल तीन छात्रों ने खेला है। पुलिस ने इनमें से दो को पकड़ लिया है, जबकि तीसरा अभी फरार है। इनमें से एक बिजली विभाग में तैनात अधिकारी का बेटा है तो एक प्राइवेट कंपनी के बड़े अधिकारी का बेटा है।

शेयर किया मोबाइल नंबर

इन तीनों छात्रों ने रेमडीसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सप्लाई के नाम पर ट्विटर व टेलीग्राम पर दो मोबाइल नंबर 7985763840 और 7652058860 के माध्यम से मैसेज डाला कि यह नंबर प्रमाणित है और हमारे यहां से जरूरतमंदों को रेमडीसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की जाती है। इसके लिए 40 फीसद कीमत पहले और बाकी राशि आपूर्ति के समय ली जाएगी।

पैसा मिला और नंबर ब्लॉक

सेंट्रल जोन के सर्विलांस सेल प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया पर यह मैसेज देख कई लोगों ने उनके नंबर पर संपर्क किया। कॉल करने पर लोगों से बैंक एकाउंट के जरिए यूपीआई आईडी, गूगल पे व फोन पे के जरिए 40 फीसद रकम ले ली गई। इन शातिरों ने रेमडीसिविर इंजेक्शन की कीमत 3500 और ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत 8500 रुपये रखी थी। कई लोगों ने इनके नंबरों पर पैसे भी भेज दिए। जैसे ही इनके पास पैसा पहुंचता ये शातिर पैसे भेजने वालों के नंबर ब्लॉक कर देते थे।

एक व्यक्ति की चली गई जान

इनके जाल में फंसे एक परिवार ने ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए इनके बताए खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए और इसके बाद मरीज की हालत बिगड़ती गई और ऑक्सीजन न मिलने से उसकी मौत हो गई। पीडि़त परिवार ने इसकी शिकायत पुलिस से की। इसकी जांच सर्विलांस टीम को सौंपी गई और टीम ने हजरतगंज पुलिस की मदद से दो शातिरों को पकड़ भी लिया।

दो दर्जन लोगों को बनाया शिकार

पुलिस टीम ने नंबरों के आधार पर इनकी लोकेशन पता लगाई। उनकी लोकेशन वृंदावन कॉलोनी के पास मिली। पुलिस ने उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो दोनों किशोर सिल्वर की होटल के पास मिल गए। पुलिस ने दोनों को पकड़ा और पूछताछ शुरू की। इन दोनों ने बताया कि वे अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों को शिकार बना चुके हैं और करीब 72500 रुपये लोगों से ले चुके हैं। इन छात्रों के खिलाफ हजरतगंज पुलिस ने धोखाधड़ी और आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है।

अच्छे परिवार से रखते हैं संबंध

पुलिस के अनुसार पकड़े गए दो छात्रों में एक 9वीं और दूसरा 10वीं में पढ़ता है। वहीं इनका फरार साथी 11वीं का छात्र है। एक के पिता बिजली विभाग में जेई हैं तो दूसरे के पिता प्राइवेट कंपनी में बड़े अधिकारी हैं। तीनों ही तीनों ही छात्र अच्छे परिवार से आते हैं।