लखनऊ (ब्यूरो)। अस्पताल कर्मियों के मुताबिक हरदोई निवासी सुरेंद्र करीब डेढ़ साल पहले कुपोषण से पीड़ित अपने बेटे दीपक को बलरामपुर अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आया था। बच्चे की हालत और समय बेहद ही गंभीर थी। कुपोषण की वजह से बच्चे का शरीर तक सूखने के साथ हाथ पैर भी तेरे हो गए थे। जिसकी वजह से वह चलने फिरने में असमर्थ था। शुरुआत में पिता की काफी खोज हुई जब कहीं जानकारी नहीं हुई तब फैसला लिया गया कि उसका इलाज मिलकर किया जाएगा। ऐसे में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ। जीपी गुप्ता ने उम्मीद नही हारी और बच्चे का इलाज किया। स्वास्थ्य कर्मियों ने भोजन उपलब्ध कराया। डॉ। गुप्ता ने इलाज के साथ फिजियोथेरेपी भी करायी। अस्पताल द्वारा इसे अनाथ आश्रम भेजने के कार्रवाई पूरी कर ली गई है। बुधवार को भेजा जाएगा।

मां का हो गया था निधन

वही मासूम ने बताया कि मां का निधन हो चुका है। जबकि पिता बढ़ई का काम करते हैं। वह पिता की मदद करता था। इसके बावजूद पेट भर के खाना नहीं मिलता था। पिता नशे के लती होने के कारण ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। जिसकी वजह से कमजोर हो गया। वह मुझे यहां छोड़ कर चले गए। लेकिन अब मैं पूरी तरह से ठीक हूं।