लखनऊ (ब्यूरो)। शिवरी में लाखों टन वेस्ट का ढेर लगा हुआ है। इनके निस्तारण का कई बार प्रयास किया गया लेकिन नतीजा सिफर रहा। जिसके बाद वेस्ट के ढेरों के निस्तारण के लिए बिजली बनाए जाने संबंधी प्रोजेक्ट बनाया गया। जानकारी के अनुसार, यह प्रोजेक्ट करीब आठ साल पहले बना था लेकिन इसमें प्रगति वर्ष 2017 के बाद से दिखी। प्लांट लगाने के लिए मशीनरी आदि का इंतजाम शुरू किया गया लेकिन गुजरते वक्त के साथ प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया और अब तक शुरू नहीं हो सका।

15 मेगावाट बिजली बननी थी

इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत वेस्ट के माध्यम से प्रतिदिन 15 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाना था। इसके लिए 1500 टन वेस्ट की जरूरत पड़ती। शिवरी में पहले से ही वेस्ट के ढेर लगे हुए हैैं, ऐसे में वेस्ट की कमी सामने नहीं आती। वैसे भी राजधानी से प्रतिदिन 1200 टन वेस्ट शिवरी पहुंचता है।

338 करोड़ थी प्रोजेक्ट कॉस्ट

इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट करीब 338 करोड़ के आसपास थी। इंवेस्टर्स समिट में भी इस प्रोजेक्ट को रखा गया था। जिसके बाद ही प्रोजेक्ट में कुछ रफ्तार देखने को मिली थी।

अभी कोई उम्मीद नहीं

फिलहाल अभी इस प्रोजेक्ट के शुरू होने संबंधित कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। जिससे साफ है कि शिवरी में लगे वेस्ट के ढेरों का निस्तारण नहीं हो सकेगा। जिसका सीधा असर स्वच्छता परीक्षा में देखने को मिल सकता है। हालांकि निगम प्रशासन की ओर से शिवरी में लगे पुराने वेस्ट के ढेरों के निस्तारण के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैैं।

पार्षद भी उठा चुके मामला

सदन में भी कई बार पार्षदों की ओर से उक्त प्रोजेक्ट को लेकर सवाल उठाए जा चुके हैैं। इस प्रोजेक्ट को शुरू करने संबंधी कवायदें तो हुईं लेकिन अभी तक प्रोजेक्ट को रफ्तार नहीं मिल सकी है।

लगातार बढ़ रहा है वेस्ट

शिवरी प्लांट की बात की जाए तो यहां पर लगातार वेस्ट के ढेर बढ़ते जा रहे हैैं। प्लांट में वेस्ट निस्तारण तो हो रहा है लेकिन वेस्ट के पुराने ढेर मुसीबत बने हुए हैैं। इनका अभी प्रॉपर निस्तारण शुरू नहीं हो सका है। अगर यही स्थिति रही तो जल्द ही प्लांट में पुराने वेस्ट के ढेर का भार और अधिक बढ़ जाएगा। जिसकी वजह से निगम प्रशासन की मुश्किलें बढऩा तय हैैं।