- बारिश के कारण सुबह की जगह कई महिलाओं ने दोपहर में की पूजा

LUCKNOW:

राजधानी में गुरुवार को वट सावित्री का पर्व महिलाओं ने परंपरागत तरीके से मनाया। सुबह तेज बारिश होने के चलते बरगद के पेड़ों के पास महिलाओं की भीड़ काफी कम दिखी लेकिन दोपहर 11 बजे के करीब जब पानी गिरना बंद हो गया तो सभी वट वृक्षों के पास बड़ी संख्या में महिलाएं पूजा करते दिखाई दीं। सुहागिनों ने अपने घर के आसपास के वट वृक्षों की विधिवत पूजा-अर्चना की और फेरे लेकर पति की दीर्घायु की कामना की। वहीं गुरुवार को शनि जंयती भी थी, इस कारण लोगों ने शनि देव की भी पूजा-अर्चना की।

घरों में भी की गई पूजा

इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए बहुत सी महिलाओं ने घर पर ही वट वृक्ष की डाल को गमले में लगाया और उसकी पूजा की। इस दौरान महिलाओं ने विधि-विधान से सावित्री और सत्यवान की कथा का पाठ किया और अपनी क्षमता अनुसार दान-दक्षिणा भी गरीबों को दी।

इस बार बच्चे कम दिखे

हर बार वट सावित्री पूजन के दौरान बड़ी संख्या में बच्चे भी महिलाओं के साथ दिखाई देते थे। इस बार महिलाएं अपने बच्चों को पूजन स्थल तक लेकर नहीं आई। कोरोना संक्रमण के कारण उन्होंने बच्चों को भीड़ वाली जगह न ले जाने में ही बेहतरी समझी।

वट वृक्ष के आसपास सफाई कराई

वट सावित्री पूजन को देखते हुए देर रात ही वट वृक्षों के आसपास सफाई आदि का कार्य विभिन्न सामाजिक संगठनों और आसपास के लोगों की ओर से करा दिया गया था। वहीं पूजन के दौरान कई जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग टूटते नजर आई तो कुछ जगहों पर महिलाओं ने खुद इसका पूरी तरह पालन किया।

90 रुपए किलो बिका खरबूजा

वट सावित्री पूजन में खरबूजा का विशेष महत्व है। सभी महिलाएं इस दिन खरबूजा जरूर खरीदती हैं। हर साल इस पर्व के आते ही खरबूजा के दाम काफी बढ़ जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ। गुरुवार को राजधानी में खरबूजा 80 से 90 रुपए प्रति किलो की दर से सुबह के समय बिका और सूरज ढलने के बाद यह फिर अपने पुराने रेट 30 से 40 रुपए प्रति किलो आ गया।