लखनऊ (ब्यूरो)। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं मल्टी टास्किंग का काम अधिक बेहतर ढंग से कर पाती हैं। जिसका नतीजा उनके काम और व्यवहार में देखने को मिलता है। इतना ही नहीं सिर की सर्जरी के बाद पुरुषों के मुकाबले महिलाएं तेजी से रिकवर करती है। यह खुलासा केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग द्वारा न्यूरो सर्जरी विभाग के 62 घायल मरीजों की स्टडी से हुआ है। जिसमें पाया गया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का दिमागी निर्माण इस तरह का होता है, जिससे उनमें भाषा विशेषज्ञता पहले विकसित हो जाती है। यह शोध इंडियन जर्नल ऑफ न्यूरो सर्जरी में प्रकाशित किया गया है।

62 मरीजों पर हुआ शोध

केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग के डॉ। आदर्श त्रिपाठी, डॉ। बालकृष्णा ओझा डॉ। श्वेता सिंह, डॉ। सीमा रानी सर्राफ और डॉ। अमनदीप सिंह द्वारा न्यूरो सर्जरी विभाग में सिर की चोट के बाद एपिडुरल हेमेटोमा बीमारी से पीड़ित मरीजों पर यह शोध किया गया। इसमें एपिडुरल हेमेटोमा के 20 से 60 वर्ष के बीच के 43 पुरुष और 19 महिलाओं को शामिल किया गया। जिसमें पाया गया कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं जल्दी रिकवर करती हैं। यह निष्कर्ष विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी सवालों के अलावा मिनी न्यूरोसाइक्रेटिक इंटरव्यू, डिजिट सिंबल टेस्ट, कलर ट्रेल टेस्ट, विभिन्न साइकोलॉजिकल टेस्ट समेत कई अन्य टेस्टों के के आधार पर हुई जांच के बाद निकाला गया।

भावनाओं पर नहीं रहता कंट्रोल

रिसर्च टीम में शामिल डॉ। श्वेता सिंह ने बताया कि एपिडुरल हेमेटोमा वह स्थिति होती है, जिसमें सिर में चोट लगने के बाद मस्तिष्क के भीतर ब्लीडिंग हो जाता है। जिसके बाद सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचती है। लेकिन, सर्जरी के बाद याददाश्त में कमी, भावनात्मक नियंत्रण न रख पाना, सोचना, बोलना, योजना बनाना और रेस्पांस करने की क्षमता भी प्रभावित हो जाती है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। वहीं, डॉ। आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि करीब 10 फीसदी मरीज इस समस्या से पीड़ित हो जाते हैं। जिसके चलते मरीज अपनी भावनाओं जैसे गुस्सा, व्यवहार, बोलना आदि पर कंट्रोल नहीं कर पाता है।