लखनऊ (ब्यूरो)। जब भी कोई बच्चा स्कूली वाहन में सवार होकर घर से स्कूल को निकलता है, तो पैरेंट्स के मन में उसकी सुरक्षा को लेकर चिंता बनी रहती है। यह चिंता तब तक रहती है, जब तक बच्चा घर वापस नहीं आ जाता। अब पैरेंट्स को ऐसी चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत भरोसा ऐप पर काम शुरू कर दिया गया है, जिसके माध्यम से सभी पैरेंट्स यह आसानी से जान सकेंगे कि उनके बच्चे के स्कूली वाहन का स्टेटस क्या है।

बोर्ड बैठक में आया था प्रस्ताव

हाल में ही आयोजित स्मार्ट सिटी की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को शामिल किया गया था। अब इस पर मुहर लग गई है। इस प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू कर दिया गया है और एक महीने के बाद यह धरातल पर दिखने भी लगेगा। इतना ही नहीं, स्कूली वाहनों के चालकों और कंडक्टरों पर भी नजर रखी जा सकेगी। पैरेंट्स यह भी जान सकेंगे कि बस चालक और कंडक्टर का नाम क्या है।

अब शुरू हुआ ऐप पर काम

इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत ऐप को लांच किया जाना है। इस ऐप में कई फिचर्स एड ऑन किए जाने हैैं। जिसमें मुख्य रूप से स्कूली वाहनों को ट्रैक किया जाना शामिल है। यह कदम उठाने की वजह भी यही है कि स्कूली बच्चों को बेहतर सुरक्षा और पैरेंट्स को चिंता से निजात मिल सके। इस ऐप में सभी स्कूली वाहनों की जानकारियां अपडेट की जाएंगी।

प्वाइंटवाइज मिलेगी जानकारी

इस ऐप की खासियत यह होगी कि सभी स्कूली वाहनों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। वहीं, पैरेंट्स भी यह जान सकेंगे कि उनके बच्चे का स्कूली वाहन किस प्वाइंट से गुजरा और वाहन में कितने बच्चे हैैं। इससे पैरेंट्स की चिंता काफी हद तक कम हो जाएगी। वहीं, स्कूली वाहनों के स्कूल पहुंचने के बाद पैरेंट्स को मैसेज भी मिलेंगे। हालांकि, इस सुविधा को बाद में ऐप में जोड़ा जाएगा।

ये मुख्य फायदे होंगे

1-स्कूली वाहनों की ट्रैकिंग

2-बच्चों की लाइव लोकेशन

3-बस के ड्राइवर और कंडक्टर का नाम

4-बस के स्कूल पहुंचते ही अपडेट

आरटीओ की भी मदद

इस ऐप में डिटेल्स अपडेट करने के लिए आरटीओ की भी मदद ली जाएगी। इसकी खासियत यह भी है कि समय-समय पर इसमें सुविधाओं को और भी अपडेट किया जाएगा। कुल मिलाकर जो भी अपडेशन होगा, वो पब्लिक की सुविधा से रिलेटेड होगा।

लंबे समय से कवायद

इस प्रोजेक्ट पर लंबे समय से कवायद की जा रही थी और अब जाकर इस पर फाइनल मुहर लगी है। प्रयास यही किया जा रहा है कि जल्द से जल्द उक्त सुविधा को शुरू किया जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके।

भरोसा प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जा चुका है। एक महीने के अंदर यह धरातल पर नजर आने लगेगा। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से हर किसी की, खासकर पैरेंट्स की अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता कुछ कम जरूर होगी।

-इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त