लखनऊ (ब्यूरो)। रोजाना योगासन करने से न केवल शरीर मजबूत होता है बल्कि इम्युनिटी भी मजबूत होती है। साथ ही यह दर्द कम करने में भी सहायक होता है। अब यह बात माडर्न मेडिसिन भी मान रही है, क्योंकि केजीएमयू में ब्रेस्ट कैंसर पीड़ित महिलाओं में योग थेरेपी के तहत सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। इंडोक्राइन सर्जरी और थोरेसिक सर्जरी विभाग प्रो। शैलेंद्र कुमार के मुताबिक, करीब डेढ़ साल चली स्टडी में पाया गया कि योग थेरेपी की मदद से मरीजों को काफी आराम मिला है। तनाव मुक्त होने के साथ मरीज की प्रतिरक्षा और थकान दोनों पर योग का सकारात्मक असर देखने को मिला। इस स्टडी को स्प्रिंगर ने सपोर्टिव केयर इन कैंसर के तहत प्रकाशित किया है।

डेढ़ साल तक चली स्टडी

डॉ। शैलेंद्र ने बताया कि कैंसर ग्रसित मरीजों को शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर प्रभाव पड़ता है। विभाग में ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाएं इलाज के लिए आती हैं, जिसमें सर्जरी, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी से ट्रीटमेंट किया जाता है। इन सभी ट्रीटमेंट की अलग-अलग दिक्कतें और साइड इफेक्ट्स हैं। पर योग का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसीलिए योग थेरेपी के तहत इन महिलाओं पर स्टडी की गई है। इसमेंं ब्रेस्ट कैंसर की दूसरी और तीसरी स्टेज वाले 96 मरीजों को शामिल किया गया। इसमें पहले ग्रुप में दवाओं के साथ योग न करने वाले मरीजों और दूसरे ग्रुप में उन्हीं दवाओं के साथ योग करने वाले मरीजों को रखा गया। दोनों ग्रुप के मरीजों को करीब डेढ़ साल तक निगरानी में रखा गया। इस दौरान 16, 32 और 48 सप्ताह के अंतराल पर सभी 96 मरीजों के खून के सैंपल लिए गए। इनके परिणाम में देखा गया कि योग करने वाले सभी रोगियों में थकान का स्तर तो कम हुआ ही था, साथ ही कैंसर वाले कारक भी कम हुए। इससे उनका इम्युनिटी सिस्टम भी मजबूत हुआ। रिपोर्ट में दावा किया गया कि योग को कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए सहयोगी चिकित्सा प्रणाली के रूप में अपनाया जा सकता है।

फ्लेक्सीबिलिटी बढ़ी, रक्त संचार बेहतर

स्टडी में शामिल योगाचार्य विष्णु यादव ने बताया कि इस दौरान ब्रेस्ट कैंसर से ग्रसित महिलाओं को सूक्ष्म व्यायाम कराया गया और तीन-तीन माह पर उनसे सवाल किए गये। इस दौरान देखने में पाया गया कि इससे न केवल फ्लेक्सीबिलिटी बढ़ी बल्कि रक्त संचार भी बेहतर हुआ।

ये योगासन आए काम

-ताड़ासन

-कटी चक्रासन

-पदाधिरासन गोमुखासन

-शवासन

-प्राणायाम

-मेडिटेशन भी कराया

शोध में ये लोग रहे शामिल

प्रो। शैलेंद्र कुमार के अलावा स्टडी मेंं डॉ। मयंक जैन, डॉ। अर्चना मिश्रा, डॉ। विष्णु यादव, डॉ। हरिश्याम, डॉ। शैलेंद्र कुमार, डॉ। सत्येंद्र कुमार मिश्रा और डॉ। पूजा रमाकांत शामिल रहे।