- आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बांटेंगी पोषाहार

- महिलाओं को मिलेगा रोजगार, सभी 75 जिलों में पोषाहार वितरण की नई व्यवस्था

रुष्टयहृह्रङ्ख : प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित होने वाले पोषाहार पर बड़ा फैसला लिया है। अब सभी 75 जिलों में पोषाहार का उत्पादन व वितरण स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी। स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने पोषाहार उत्पादन व वितरण के लिए टेंडर न करने का फैसला लिया है।

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं को जिम्मा

आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए हर साल पोषाहार की करीब चार हजार करोड़ रुपये की खरीद होती है। अब यह काम उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से 23 हजार स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लग गई। प्रदेश सरकार ने पहले केवल 18 जिलों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पुष्टाहार उत्पादन व वितरण का काम दिया था। बाकी जिलों के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे। टेंडर में बहुत कम कंपनियों ने हिस्सा लिया। इस कारण पोषाहार की दरें काफी अधिक आईं। सरकार ने पोषाहार की दरों को देखते हुए अब यह काम सभी जिलों में प्रदेश की स्थानीय स्तर की महिलाओं के समूहों को सौंप दिया है। सरकार के इस फैसले से उन बड़े कारोबारियों को धक्का लगा है, जो हजारों करोड़ रुपये के पोषाहार उत्पादन व वितरण में वर्षों से लगे थे। आए दिन पोषाहार वितरण में घपले व घोटाले की भी शिकायतें मिलती रहती थीं। सरकार के नए फैसले से स्थानीय स्तर पर महिलाएं उद्यमी बनेंगी और उन्हें स्थायी रोजगार मिल सकेगा।

--

दो साल बंटेगा कच्चा राशन

प्रदेश के सभी जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार उत्पादन व वितरण के काम में महिला स्वयं सहायता समूहों को दो साल लग जाएंगे। ऐसे में शुरुआती दो साल आंगनबाड़ी केंद्रों की महिलाओं को कच्चे राशन के तौर पर गेहूं, दाल, चावल, घी व मिल्क पाउडर दिया जाएगा। गेहूं व चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लिया जाएगा, जबकि दाल की खरीद स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्थानीय स्तर पर खुद करेंगी। देसी घी व मिल्क पाउडर की सप्लाई प्रादेशिक कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) करेगा। इसके लिए इन दोनों से बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का समझौता हो गया है। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं प्रत्येक लाभार्थी को देने के लिए राशन, घी व दूध पाउडर का वजन करके अलग-अलग पै¨कग करेंगी। राशन का वितरण महीने में एक या दो दिन पारदर्शी तरीके से जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में होगा। दो साल में चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह पोषाहार का उत्पादन कर वितरण शुरू कर देंगे।

--

रेसिपी बुक का भी होगा वितरण

प्रदेश सरकार कच्चे राशन के साथ रेसिपी बुक भी वितरित करेगी। इसमें पोषक व्यंजन बनाने की विधियां दी जाएंगी। महिलाएं अपने घरों में साफ-सुथरे तरीके से पोषाहार कैसे तैयार करें, इसका भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

----

मेडिकल में प्रोफेसर की कमी दूर करेंगे रिटायर्ड टीचर

- चार मेडिकल संस्थानों में प्रोफेसर कंसल्टेंट रखे जाएंगे

- सेवानिवृत्त चिकित्सा शिक्षकों को 2.20 लाख रुपये मानदेय मिलेगा

LUCKNOW (29 Sept) : प्रदेश के चार चिकित्सा शिक्षा संस्थानों व विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के खाली पदों को सेवानिवृत्त चिकित्सा शिक्षकों से भरा जाएगा। राजकीय मेडिकल कॉलेजों, विश्वविद्यालयों व आ‌र्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज से रिटायर हुए टीचरों को प्रोफेसर कंसल्टेंट के पदों पर रखा जाएगा। इन्हें प्रतिमाह 2.20 लाख रुपये मानदेय दिया जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर भी लग गई।

मिलेगा बड़ी राहत

योगी सरकार के इस फैसले से चिकित्सा शिक्षा संस्थानों को बड़ी राहत मिलेगी। एमबीबीएस व अन्य पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को प्रोफेसरों की कमी वजह से अब परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। अभी इटावा में सैफई स्थित उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के 40 पदों में से 33 खाली हैं, जबकि नोएडा के सुपर स्पेशियलिटी बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर शैक्षणिक संस्थान के भी 17 में से 11 पदों पर कोई नियुक्ति नहीं है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रोफेसर के 13 पदों में से छह खाली हैं और लखनऊ के उच्च स्तरीय कैंसर संस्थान एवं चिकित्सालय में भी सभी 11 पद रिक्त हैं। चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई व शोधकार्य प्रभावित हो रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

----

कैबिनेट के अन्य फैसले

ब्लॉक दनकौर खत्म, बिसरख, जेवर व दादरी का पुनर्गठन

- कैबिनेट ने गौतमबुद्धनगर जिले के ब्लॉक दनकौर को समाप्त करने के निर्णय को स्वीकृति प्रदान कर दी है। दनकौर विकास खंड के गांवों को बिसरख, दादरी व जेवर ब्लॉकों में शामिल करने के लिए पुनर्गठित करने का फैसला लिया गया है। बता दें कि दनकौर की 12 ग्राम पंचायतों को अन्य ब्लॉकों में शामिल करने के बाद दादरी में 30, जेवर में 48 व बिसरख में 24 ग्राम पंचायतें हो जाएंगी।

ग्रामीणों को मकानों का मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ

- गांवों के आबादी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की संपत्तियों का सीमांकन कर ग्रामीणों को उनके मकानों के मालिकाना हक के दस्तावेज मुहैया कराने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आबादी के सर्वेक्षण कार्य और गांववासियों को घरौनी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने के लिए मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में उप्र आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया विनियमावली, 2020 समेत कुल 15 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को उनके मकानों के स्वामित्व प्रमाणपत्र के तौर पर ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) दिये जाएंगे।

जेवर एयरपोर्ट के कंसेशन एग्रीमेंट के लिए 15 अक्टूबर तक का समय

प्रदेश सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, जेवर के निर्माण के लिए स्विस कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को कंसेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के लिए 15 अक्टूबर तक का समय प्रदान कर दिया है। साथ ही बिड वैलिडिटी तथा सिक्योरिटी की अवधि 24 अक्टूबर,, 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दी है।