- ऑनलाइन कुरान करीम का पहला दौर पूरा

LUCKNOW: कुरान करीम वह पवित्र किताब है, जिसके पढ़ने और सुनने पर बहुत सवाब मिलता है। उसकी शिक्षाओं, आदेशों पर अमल करना दुनिया व आखिरत की कामयाबी है। यह बात इमाम ईदगाह व काजी-ए-शहर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताई.् उन्होने इस बात पर खुदा पाक का शुक्र अदा किया कि फेसबुक पर रिले की गयी कुरान करीम का एक दौर पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि हम सब को रमजानुल मुबारक में विशेषकर और आम दिनों में कुरान करीम की तिलावत का एहतिमाम करना चाहिए।

शिया हेल्पलाइन

सवाल- इस वर्ष एक व्यक्ति को कितना फितरा देना होगा।

जवाब- प्रति व्यक्ति के लिए एक साअ यानी तीन किलो अनाज अथवा 60 रुपए देना होगा।

सवाल- क्या इस्लाम मे दाढ़ी मुड़वाने के लिए कोई खास अजाब है।

जवाब- इस्लाम मे दाढ़ी मुड़वाने को हराम कहा गया है, अन्यथा जो व्यक्ति दाढ़ी मुड़वाएगा वह ईश्वर का मुजरिम कहलाएगा।

सवाल- क्या स्त्री के लिए अपने मुखड़े का छिपाना अनिवार्य है।

जवाब- अगर कोई स्त्री मेकअप कर बाहर निकलती है तो इसके लिए सभी धर्म गुरुओं ने मुखड़ा छिपाने को अनिवार्य किया है।

सवाल- क्या शबे कद्र के आमाल मे सौ रकअत नमाज पढना आवश्यक है।

जवाब- शबे कद्र में सौ रकअत नमाज पढ़ना बड़ा सवाब रखता है। अगर कजा वाजिब की नियत से सौ रकअत नमाज पढ़ ली जाए तो बेहतर है।

सवाल- जकात किस को कहते हैं।

जवाब- जकात दो तरह की होती है एक जकाते बदन है और दूसरा जकाते माल है। जकाते बदन को फितरा कहते हैं।

सुन्नी हेल्पलाइन

सवाल- जकात की रकम से किसी को इफ्तार भेज सकते हैं।

जवाब- किसी जकात के मुसतहक शख्स को जकात की रकम से इफ्तार और सेहरी की चीजें भेजना जायज है, लेकिन गैर मुसतहक शख्स को इफ्तार कराने से जकात अदा न होगी।

सवाल- एक रोजेदार बच्ची के पेट में सख्त दर्द हो रहा है तो क्या वह पेन किलर इंजेक्शन लगवा सकती है।

जवाब- जी हां, लगवा सकती हैं। इससे रोजे नहीं टूटेगा।

सवाल- अगर सेहरी में न उठ सकें और रात में खाना खाकर सो जाएं तो क्या रोजा हो जाएगा।

जवाब- रोजा हो जाएगा मगर सेहरी में उठकर कुछ खा लेना या एक दो घूंट पानी ही पी लेना सुन्नत है। इसका एहतिमाम करना चाहिए।

सवाल- क्या शुगर का मरीज दिन में रोजे की हालत में ग्लूकोज चेक करा सकता है।

जवाब- रोजे में खून बाहर निकलने से रोजा नहीं टूटता इसलिए रोजे की हालत में शुगर चेक करा सकते हैं।

सवाल- वह कौन सी बातें हैं जिन से रोजा मकरूह होता है, वह क्या हैं।

जवाब- बिना जरूरत व मजबूरी के किसी चीज को चबाना या थूक जान बूझ कर इकट्ठा करके निगल लेना, मंजन या कोयले से दांत मांजना, गाने जाने में व्यस्त रहना आदि।

कोट

इस लॉकडाउन हर कोई घर पर ही रहकर अल्लाह की इबादत कर रहा है। हमें आसपास के गरीबों के बारे में भी सोचना चाहिए। उनकी मदद अपने स्तर से करते रहना चाहिए, क्योंकि दूसरों की मदद करना ही सबसे बड़ी सुन्नत है।

डॉ। सबाहत फातिमा, फैजाबाद रोड