LUCKNOW NEWS: लखनऊ (ब्यूरो)। आंकड़ों के मुताबिक, पुलिस रिकार्ड में तकरीबन 70 परसेंट ऐसे अपराधी है, जिनकी उम्र में 21 से 35 वर्ष के बीच है। यानी युवा पढ़ाई लिखाई और अपना करियर बनाने के बजाय अपराध की दुनिया में कदम रख रहे हैं।
सर्वाधिक 21 से 35 साल के अपराधी
पुलिस कमिश्नरेट लागू होने के बाद से डीसीपी के स्तर से जिलाबदर के प्रक्रिया के तहत अपराधियों को जिलाबदर करने की कार्रवाई की जाती है। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, 66 अपराधियों में करीब 30 युवा ऐसे हैं जिनकी उम्र 21 से 30 साल हैं। 26 ऐसे हैं जिनकी उम्र 35 से 50 साल है, वहीं, 8 व्यक्ति 41 से 55 साल के हैं। वहीं 55 साल के अधिक के 2 अपराधियों को जिलाबदर किया गया है। वहीं पिछले एक साल की बात करें तो इस दौरान भी करीब 65 प्रतिशत युवा ऐसे हैं जिनकी उम्र 35 से 35 साल के बीच थी। इन अपराधियों पर एक से अधिक कई मुकदमे दर्ज हैं।
मारपीट के सर्वाधिक मामले
शहर में अपराधियों की धड़पकड़ और अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट से लेकर छह महीने के लिए जिलाबदर करने की कार्रवाई करती है। पुलिस जिलाबदर कर अपने शहर से अपराधियों को दूर तो कर देती है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं होती है कि वो कहीं और जाकर अपराध न करें। शहर से जिलाबदर किये गए युवाओं पर दर्ज मुकदमों की बात करें तो उन पर लूट, डकैती, हत्या, चोरी, महिलाओं से छेड़छाड़ के मुकदमें शामिल हैं।
इसलिए करते हैं जिलाबदर
डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि जब किसी अपराधी को जिलाबदर किया जाता है तब उसे छह महीने अपने शहर से दूर रहना होता है। उसे एक नया वातावरण मिलता है और अपराधिक वातावरण से दूरी बनती है। कार्रवाई अपराधियों के सुधार के लिए होता है। यही वजह है कि अक्सर जिलाबदर की कार्रवाई चलती रहती है। इसमें अधिकतर उन अपराधियों को रखा जाता है, जिनकी उम्र 25 से अधिक हो। लेकिन पिछले दिनों कई ऐसे भी आए हैं, जिनकी उम्र 21 साल है। ज्यादातर जिलाबदर में अपराधियों का उम्र 35 वर्ष से कम है।
एक साथ 22 को जिला जिलाबदर
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नार्थ जोन में सर्वाधिक 22 दबंगों पर एक साथ कार्रवाई की गई है। इसके बाद सेंट्रल जोन का नंबर आता है, जिसने अब तक दस अपराधियों को जिले से बाहर का रास्ता दिखाया है। वहीं, इसके बाद ईस्ट, वेस्ट और फिर साउथ जोन का नंबर आता है।
21 की उम्र में 42 मुकदमे
पुलिस अधिकारियों बताया कि लखनऊ में सबसे कम उम्र का अपराधी 21 साल का उत्कर्ष है। इसके खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में करीब 42 केस दर्ज हैं। जिसमें हत्या का प्रयास, मारपीट समेत विभिन्न केस शामिल हैं।
हुई कार्रवाई
- लूट
- डकैती
- हत्या
- चोरी
- महिलाओं
- हत्या का प्रयास
- छेड़छाड़