सड़क हादसों को रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट तो बनाए, लेकिन जिम्मेदारों ने नहीं की कोई सार्थक कार्रवाई

- शहर में आए दिन बढ़ रही है सड़क हादसों की संख्या

- 21 ब्लैक स्पॉट पर नहीं लगे हैं कोई इंडीकेटर

- 21 ब्लैक स्पॉट मेरठ में घोषित किए गए हैं।

- 2 ब्लैक स्पॉट ही शहर के अंर्तगत आते हैं

- 14 ब्लैक स्पॉट राष्ट्रीय राजमार्गो पर घोषित हैं

- 2 ब्लैक स्पॉट स्टेट हाइवे के अंर्तगत चिन्हित किए गए हैं

- 5 ब्लैक स्पॉट जिला मार्ग और अन्य मार्ग पर है।

- 2 हादसे मलियाना फ्लाईओवर पर हो चुके हैं, लेकिन ब्लैक स्पॉट नहीं बना

Meerut । शहर में लगातार सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं। इन सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात पुलिस ने कुछ जगहों को ब्लैक स्पॉट घोषित किया है, लेकिन हालत यह है कि इन ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षा के नाम पर कोई सार्थक इंतजाम नहीं है, लिहाजा परिवहन और ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। बीते दिनों प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में ब्लैक स्पॉट पर चर्चा की गई थी। ब्लैक स्पॉट के हालातों का जायजा लेने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने शहर के दो ब्लैक स्पॉट का रियलिटी चेक किया, जहां पर सबसे ज्यादा हादसे होते है। यहां पर सुरक्षा के नाम पर व्यवस्था कुछ नहीं थी।

हादसों का बढ़ रहा ग्राफ

आए दिन सड़क हादसों के कारण खून से सड़कें लाल हो रही है और प्रशासन कागजी कार्रवाई करके ब्लैक स्पॉट बनाकर सो जाता है। यही वजह है कि लगातार हादसों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। ब्लैक स्पॉट पर न डिवाइडर ठीक है और न ही लाइट सही है। ऐसे में हादसों को कैसे रोका जा सकता है। वहीं दूसरा कोई सावधान और खतरे का बोर्ड भी ब्लैक स्पॉट पर नहीं है।

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ब्लैक स्पाॅट नंबर- 1

परतापुर तिराहा

हालात

शहर का सबसे बड़े तिराहे परतापुर तिराहे के नाम से जाना जाता है। यह एनएच-58 से सटा होने के कारण शहर के कई रास्तों को जोड़ता है। आमतौर पर यहां से रोजाना दिल्ली, देहरादून और मेरठ शहर की ओर जाने वाले वाहन गुजरते हैं। इसी तिराहे पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं.बढ़ते सड़क हादसों के कारण परिवहन विभाग ने इसे ब्लैक स्पॉट घोषित किया है।

हकीकत

परतापुर तिराहे पर डिवाडइर टूटे पड़े है, जिससे दिल्ली की तरफ से और मेरठ शहर की तरफ से तेज वाहन गति से वाहन गुजरते हैं। टूटे डिवाइडर से लोग कार और बाइक को मोड़ देते है। ऐसे में हादसे हो जाते है। रात को लाइट चले जाने पर यहां की स्ट्रीट लाइट भी नहीं जलती है, जिससे और ज्यादा हादसे होते हैं। वहीं, किसी तरह सावधान और खतरे का बोर्ड भी नहीं लगा है।

हासिल

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने ब्लैक स्पॉट घोषित किए गए परतापुर तिराहे का रियलिटी चेक किया। दरअसल, परतापुर तिराहे पर ट्रैफिक के संचालन को लेकर कोई सार्थक व्यवस्था नहीं है। यहां ट्रैफिक संचालन के मानकों की अनदेखी भी खूब होती है। अगर यही लापरवाही रही तो हादसों का ग्राफ बढ़ता रहेगा। ऐसे में अधिकारियों को सार्थक कदम उठाने की जरूरत है।

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ब्लैक स्पाॅट नंबर- 2

रिठानी पीर की सड़क

हालात

शहर में रिठानी पीर की सड़क को भी ब्लैक स्पॉट घोषित किया गया है। यहां भी आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं। हालत यह है कि यहां पर डिवाइडर कट दिया गया है, यहां से वाहन मोड़ते वक्त यानि कहा जाए यू टर्न लेते वक्त दिल्ली की तरफ से तेज गति से आने वाले वाहनों की चपेट में आकर हादसा हो जाता है।

हकीकत

डिवाइडर कट होने की वजह से यहां से वाहन चालक गुजरते हैं। यही नहीं लोगों ने यहां पर अतिक्रमण की किया है, लेकिन इस ओर भी परिवहन विभाग और ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों का ध्यान नहीं है। यही वजह है यहां भी सड़क हादसों का ग्राफ घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है।

हासिल

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में कई सारी खामियां नजर आई। अतिक्रमण के कारण ट्रैफिक संकेत भी यहां नजर नहीं आते हैं। साथ ही यहां पर लाइट की भी कोई ठीकठाक व्यवस्था नहीं देखने को मिली। लाइट चले जाने पर स्ट्रीट लाइट बंद रहती है। इससे हादसों की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है।

ये हैं ब्लैक स्पॉट

घाट मोड, परतापुर तिराहा, खड़ौली चौराहा, दायमपुर कट, डाबका कट, मटौर कट, सकौती तिराहा, रुहासा कट, वालिदपुर कट, एनएच-58 कालका कॉलेज के पास, मवाना खुर्द बाईपास बहसूमा, झुनझुनी मोड, नौगजा पीर, बिजौली रोड, रिठानी पीर एसएच-45, शोलदा रोड एसएच-14, भूडबराल, गेझा रोड, मोहिउद्दीनपुर शुगर मिल, मवाना खुर्द बहसूमा बाईपास एवं जई पुलिया ब्लैक स्पॉट बने है।

नहीं बनाया ब्लैक स्पॉट

गौरतलब है कि मलियाना फ्लाईओवर पर दो बड़े हादसे हो चुके है। गनीमत यह रही कि इनकी चपेट में कोई नहीं आया। मलियाना फ्लाई ओवर से एक महीने के अन्दर दो ट्रक रेलिंग तोड़ते हुए नीचे गिर चुके है लेकिन परिवहन और ट्रैफिक पुलिस ने गंभीरता नहीं बरती। जिससे हादसों का खतरा यहां भी बढ़ रहा है।

ये है हादसों की स्थिति

वर्ष सड़क हादसे मौत

2016 980 400

2017 975 418

2018 1098 452

2019 960 457

2020 959 356

ब्लैक स्पॉट को लेकर हमारा विचार विमर्श चल रहा है। ब्लैक स्पॉट सुरक्षा के लिए बोर्ड लगाए जाएंगे, इसको लेकर अन्य विभागों से भी हमारी बातचीत हो रही है।

जितेंद्र श्रीवास्तव

एसपी ट्रैफिक