चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर वीसी प्रो। एनके तनेजा ने रखे विचार

Meerut । इतिहास की पुस्तकों में संशोधन की बहुत बड़ी आवश्यकता है, स्वतंत्रता आंदोलन में एक व्यक्ति का योगदान है यह सत्य नहीं हो सकता है। बहुत बड़ा आंदोलन था और पूरी व्यवस्था को परिवर्तन करना था। 200 साल तक विदेशी शक्तियों ने भारत पर नियंत्रण स्थापित किया था। इस नियंत्रण को एक व्यक्ति या फिर कुछ व्यक्तियों द्वारा परिवर्तन नहीं किया जा सकता था। परंतु इतिहास की पुस्तकों में यही पढ़ाया जाता है। अंग्रेजों ने केवल अहिंसा के बल पर देश नहीं छोड़ा। यह बात चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र प्रेक्षागृह में सीसीएसयू के वीसी प्रो.नरेंद्र कुमार तनेजा जी ने कही। उन्होंने कहा कि देश को स्वतंत्र कराने में भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों का योगदान रहा है।

छात्रों को दें जानकारी

रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार ने कहाकि पुरानी संस्कृति के बारे में हमारे छात्र व छात्राओं को जानकारी दी जाए। इन्होंने केवल स्वतंत्रता सेनानियों का नाम सुना है। सभी डीन, हेड व कॉíडनेटर से आग्रह है कि ऐसी गतिविधियां चलाते रहें। 1922 की घटना को जन-जन तक पहुंचाया जाए। प्रोवीसी प्रो। वाई विमला ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने अपने आत्मबल व साहस से उन परिस्थितियों में जो किया है उसके कारण ही आज हम स्वतंत्रता से सांस ले पा रहे हैं, अपनी बात कह पा रहे हैं।

सम्मानित किया

इस कार्यक्रम के दौरान दो स्वतंत्रता सेनानी चार बार जेल जाने वाले असौड़ा रियासत के राजा चौ। रघुवीर नारायण सिंह के वंशज कुंवर नागेंद्र सुंदर नारायण सिंह तथा श्रीमती जया सिंह, अभिषेक त्यागी, एवं डॉ.मनीषा तथा गोवा मुक्ति आंदोलन में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानी पं। गजाधर तिवारी वैद्य के पुत्र व पौत्र राजनाराण तिवारी व सुमित नारायण तिवारी को शॉल व फूल माला पहनाकर सम्मानित किया गया।

ये रहे मौजूद

इस मौके पर प्रो.विघ्नेश कुमार त्यागी, सविता मित्तल, शुचि गुप्ता, सुशील कुमार गुप्ता, प्रो.बीरपाल सिंह, प्रो। भूपेंद्र सिंह, प्रो। मृदुल कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।