मेरठ,ब्यूरो। ऊंचाई पर लगी आग की घटनाओं से निपटने के लिए वर्ष 2015 में सपा सरकार ने मेरठ के अग्निशमन विभाग को चार करोड़ रुपये की हाईड्रोलिक के रूप में सौगात दी थी। वर्ष 2018 में मशीन के सेंसर खराब होने के चलते ऊंचाई पर आग लगने पर लोगों को रेस्क्यू करने में विभाग लाचार होने लगा था। तभी से मशीन गोदाम में पड़ी है। अब भाजपा सरकार ने हाईड्रोलिक को सही कराने का जिम्मा उठाया है।

कंपनी को मिला जिम्मा
खराब पड़ी हाईड्रोलिक को सही करने का जिम्मा इटली की शैला कंपनी को दिया गया है। करीब सवा चार लाख रुपये के बजट से हाईड्रोलिक मशीन को ठीक किया जा सकेगा। इसके लिए नवंबर में ही इटली से इंजीनियर मेरठ पहुंच जाएंगे। जो 15 दिसंबर तक मशीन के सेंसर ठीक कर अग्निशमन विभाग को हैैंडओवर करेंगे।

छह महानगरों को मिली थी
सपा सरकार में प्रदेश के छह महानगरों को हाईड्रोलिक का तोहफा दिया गया था। इनमें मेरठ के साथ ही लखनऊ, कानपुर, आगरा, बनारस, इलाहाबाद शामिल थे। सभी जगहों पर हाईड्रोलिक खराब पड़ी हुई हैैं। जिसकी वजह से अग्निशमन विभाग ऊंचाई पर आग लगने पर लोगों को रेस्क्यू करने में असहाय महसूस कर रहा था। विभाग द्वारा डीजी फायर को इस संबंध में पत्र लिखा गया था। मशीनों को सही कराने के लिए शासन से बजट मिलने पर डीजी फायर ने हाईड्रोलिक को सही करने के लिए इटली की शैला कंपनी को पत्र लिखकर भेज दिया है।

42 मीटर तक रेस्क्यू
महानगर में 42 मीटर ऊंचाई की कई इमारतें बनी हुई हैैं, लेकिन अग्निशमन विभाग के पास अभी तक इन इमारतों में आग लगने पर लोगों को रेस्क्यू करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे। हाईड्रोलिक के संचालन से 42 मीटर ऊंचाई पर लगी आग से लोगों को बचाने के लिए आसानी होगी।


फिलहाल में आग से निपटने के लिए ये हैैं संसाधन
जब तक हाईड्रोलिक ठीक नहीं होती है। तब तक आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए अग्निशमन विभाग के पास 12 भारी वाहन हैैं। इनमें एक 12 हजार लीटर, चार साढ़े छह हजार लीटर, दो ढाई हजार लीटर व पांच साढ़े चार हजार लीटर पानी क्षमता के वाहन शामिल हैैं। इसके अलावा चार वाटर मिस्ट और गलियों में लगी आग को रेस्क्यू करने के लिए तीन बुलेट शामिल हैैं।

वर्ष 2018 से हाईड्रोलिक खराब पड़ी हुई है। जिसकी वजह से ऊंचाई पर आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। हाईड्रोलिक को सही करने के लिए डीजी फायर द्वारा इटली की शैला कंपनी को पत्र लिखकर भेजा गया है। कंपनी के इंजीनियर 15 दिसंबर तक हाईड्रोलिक को ठीक कर विभाग के हैैंडओवर करेंगे।
संतोष कुमार राय, सीएफओ, मेरठ