मेरठ, (ब्यूरो)। इस एग्जाम के माध्यम से छात्रों ने खुद की नॉलेज का आंकलन किया, साथ ही उन्होंने इसको भी आंका कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कितने तैयार हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से आयोजित आईआईटी यानि इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट में शनिवार को स्टूडेंट्स ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

उत्साहित रहे स्टूडेंट्स
आईआईटी यानि इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट में शामिल होने वाले सभी स्टूडेंट्स में उत्साह और जुनून नजर आया। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने का नया अनुभव मिला। इस दौरान स्कूल प्रशासन का भी खास योगदान रहा। वहीं आसपास के जिलों से भी विभिन्न केंद्रों पर स्टूडेंट्स ने इस एग्जाम में पार्टिसिपेट कर एक नया एक्सपीरियंस हासिल किया।

अलग-अलग थे पेपर सेट
शहर के कई परीक्षा केंद्रों में इंडियन इंटेलीजेंस एग्जाम यानि आईआईटी आयोजित कराया गया। यह एग्जाम कक्षा 5 से लेकर 12वीं तक के छात्रों के बीच कराया गया था। इसमें अलग अलग क्लास के पेपर सेट दिए गए थे। छात्रों ने इस एग्जाम के माध्यम से खुद के नॉलेज के स्तर को समझा है।

कॉम्पटीशन एग्जाम का अनुभव
इस एग्जाम के माध्यम से छात्रों को ओएमआर शीट से परीक्षा देने का अनुभव मिला। इस एग्जाम से स्टूडेंट्स ने खुद को एक नए रूप में पाया। उन्हें खुद का आंकलन हो गया। साथ ही कौन सा विषय उनका कमजोर है, इसकी भी उनको जानकारी हो गई।

ओएमआर शीट का अनुभव
छोटी क्लास में पढऩे वाले बच्चों ने भी ओएमआर शीट के माध्यम से एग्जाम दिया। उन्हें ओएमआर शीट से एग्जाम देने की सीख मिली। उन्हें प्रतियोगी परीक्षा में बैठने और उसमें सफलता हासिल करने की सीख मिली। कई स्टूडेंट्स ने ओएमआर शीट भरने में गलती भी की, लेकिन उनको एक अनुभव हो गया कि आगे आने वाले कॉम्पटीशन में किस तरह भागीदारी करनी है। आंसर सीट को कैसे भरा जाएगा। यह एग्जाम सभी स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छा अनुभव रहा। इसका लाभ भविष्य में बच्चों को मिलेगा।

एक नया मॉटिवेशन मिला
आईआईटी के इस एग्जाम से बच्चों को नया मॉटिवेशन भी मिला।जिससे वे किसी भी कॉम्पटीशन में बैठने के लिए तैयार रहेंगे। स्कूल की पढ़ाई करके जब बाहर निकलेंगे तो इनके सामने अपनी लाइफ को आगे बढ़ाने के लिए कॉम्पीटशन ही एक रास्ता होगा,जिसको बीट करके आगे बढ़ सकते हैं। इस कॉम्पटीशन से इनको इसके लिए मॉटीवेशन मिला। जिसके जरिए मिले अनुभव को कॉम्पटीशन में शेयर करेंगे। जिस ओएमआर शीट को भरने में कभी टीचर भी गलती कर जाते हैं, उसको भरने का तरीका भी स्टूडेंट्स को आ गया,अब ये सभी स्टूडेंट्स इस अनुभव के साथ कॉम्पटीशन के मैदान में उतरने को तैयार हैं।

क्या कहते है स्टूडेंट्स
पेपर आसान था। ओएमआर शीट भरना भी इस पेपर के जरिए हमने सीख लिया है। कैसे कम्पटीशन एग्जाम दिया जाता है। इसकी भी सीख मिली।
आयुष


सब कुछ सलेबस के अनुसार था। मुझे पेपर देने में मजा आया। पेपर में बहुत ही इंट्रेस्टिंग सवाल आए थे, जो सॉल्व करने में मजा आया।
प्राशी


पेपर में हमने ओएमआर शीट का भरना सीखा। यह एक अलग अनुभव था। प्रतियोगी परीक्षाएं कैसे देेते हैं। इसकी भी हमें पूरी जानकारी मिली।
अमृत


इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट से हमने अपनी खुद की क्षमताओं का आंकलन किया। इससे हमें अपनी कमियां पता लगी, मुझे पता लगा कौन सा टॉपिक ऐसा है, जिसको अभी पढऩा बाकी है
प्रज्ञा

टेस्ट में सब सिलेबस से आया था। हालांकि, कुछ कठिन सवाल थे। सवाल एमसीक्यू बेस थे। इससे पता लगा कि कैसे एमसीक्यू बेस्ड क्वेश्चन पेपर होते हैं।
दीपा


टेस्ट से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है। पेपर में बहुत सवाल सिलेबस से ही थे। टीचर्स ने हमें बताया कैसे ओएमआर शीट भरी जाती है। बहुत अच्छा लगा, नया सीखने को मिला।
प्राची


कुछ सवाल ऐसे थे, जिनसे पता लगा कि करियर में कहां जा सकते हैं, बाकी मैथ्स के सवाल कुछ कठिन आए थे।
श्रुति

पेपर में मैथ्स के सवाल बहुत ही आसान थे। एमसीक्यू बेस सवाल आए थे। जो बहुत ही अच्छा था।
मनसवी


पेपर में बहुत सारे सवाल सिलेबस के थे, इससे एग्जाम की तैयारी भी हो गई। इसके साथ ही हमें अपनी कमियों का पता लगा। अब और अच्छी तैयारी करेंगे।
कार्तिक

पेपर में बहुत सारे सवाल ऐसे थे जो हमारी बुक से संबंधित रहे। पेपर में बहुत कुछ सीखने को मिला
बबी

मैने इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट दिया है। इससे बहुत कुछ जानकारी मिली। इस एग्जाम के माध्यम से बहुत कुछ सीखने को मिला।
मो। फैज


पेपर में सवाल एमसीक्यू बेस थे। हमें पता लगा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में कैसे सवाल आते हैं। भविष्य में कैसी तैयारी करनी है।
फिरोज


क्या कहते है टीचर्स
बच्चों को पेपर देने के लिए काफी क्रेज रहा। जो समझ नहीं आया वो पूछ भी रहे थे। उनको लग रहा था किसी तरह हम अपना पेपर अच्छे से दे दें बस।
इंदिरा, कोर्डिनेटर , आरजी इंटर कॉलेज

टेस्ट में सवाल अच्छे आए थे। सिलेबस के अनुसार सभी प्रश्न थे। इसलिए बच्चों की एग्जाम की तैयारी भी हो गई। साथ ही उनको बहुत कुछ सीखने को मिला।
रविंद्र यादव, कोर्डिनेटर, डीएन कॉलेज


टेस्ट देकर बच्चों का मनोबल बढ़ा है वो सीख पाए है कि कैसे एग्जाम दिया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में कैसे और किस तरह के पेपर होते हैं।
रजनी शंखधर, प्रिंसिपल, आरजी

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित आईआईटी बच्चों के लिए काफी फायदेमंद रहा। इस एग्जाम के जरिए उनको बहुत कुछ सीखने को मिला है।
सुशील सिंह, प्रिंसिपल, डीएन कॉलेज


टेस्ट से न केवल सीखने मिला बल्कि बच्चों को पता लगा कि अभी उनको कहां सुधार करना है। किस सब्जेक्ट में किस टॉपिक को वो अभी अच्छे से नहीं कर पा रहे।
सतीश कुमार, प्रिंसिपल, शांति विद्यापीठ


टेस्ट से स्टूडेंटस को जानकारी मिली है। कैसे ओएमआर शीट बेस एग्जाम दिया जाता है। कैसे प्रतियोगी परीक्षाएं दी जाती है।
महेश कुमार, कोर्डिनेटर, शांति विद्यापीठ