डीएल के आवेदक नहीं पहचान पा रहे ट्रैफिक सिग्नल

आरटीओ की क्लास में जानकारी ले रहे तमाम आवेदक

Meerut। मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के बाद जुर्माने की रकम क्या बढ़ी आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदनकरने वालों की संख्या एकदम से बढ़ गई। ऐसे में सैकड़ों ऐसे आवेदक भी लाइसेंस की चाह में ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं, जिन्हें न तो ट्रैफिक की समझ है और न ही सिग्नल की जानकारी। जिस कारण से ड्राइविंग लाइसेंस की ऑनलाइन टेस्ट प्रक्रिया शामिल होने वाले 40 प्रतिशत आवेदक हर रोज फेल हो रहे हैं। ऐसे में आवेदकों के लिए आरटीओ की क्लास रूम फायदे का सौदा साबित हो रही है।

15 सवालों की उलझन

ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन आवेदन के बाद आवेदक को ऑनलाइन टेस्ट प्रक्रिया से गुजरना होता है। ऐसे में रोजाना करीब 200 आवेदकों के ऑनलाइन टेस्ट लिया जाता है। इसमें आवेदक को कंप्यूटर पर 15 सवालों का ऑनलाइन जवाब देना होता है। कम से कम 9 सवाल पर आवेदक पास हो जाता है। लेकिन हालत यह है कि अधिकतर 40 प्रतिशत आदेवक 9 सवालों के सही जवाब भी नहीं दे पा रहे हैं, ऐसे में उनको रिटेस्ट की प्रक्रिया को फेस करना पड़ता है।

गुरुजी कर रहे बेड़ा पार

ऑनलाइन टेस्ट प्रक्रिया में लगातार फेल हो रहे आवेदकों की संख्या बढ़ता देख गत माह आरटीओ कार्यालय में आवेदकों को ट्रैफिक रुल्स और सिग्नल की जानकारी देने के लिए क्लास रुम की व्यवस्था शुरु की गई। इसमें ऑनलाइन टेस्ट देने वाले आवेदकों को ट्रैफिक सिग्नल के बारे में जानकारी दी जाती है। क्लास में बैठने वाले आवेदक ऑनलाइन टेस्ट आसानी से पास कर लेते हैं इसलिए इस क्लास में भी लगातार रिटेस्ट देने वाले आवेदकों की संख्या बढ़ती जा रही है।

रोजाना ऑनलाइन टेस्ट देने वाले आवेदकों की संख्या - 200

रोजाना रीटेस्ट देने वाले आवेदकों की संख्या 57 से अधिक

क्लास रूम में आने वाले आवेदकों की संख्या- 125 से अधिक

पहले ऑनलाइन टेस्ट मे बैठने वाले 50 प्रतिशत आवेदक फेल हो रहे थे लेकिन जब से क्लास रूम शुरु किया गया है, तब से इस एवरेज में सुधार हुआ है।

श्वेता वर्मा, एआरटीओ