आई एक्सक्लूसिव

स्वाति भाटिया

- काउंसिलिंग में कॉलेज दे रहे अजब-गजब ऑफर

- 6 जून से चल रही काउंसिलंग की प्रक्रिया

- 30 जून तक चलेगी बीएड की काउंसिलिंग

- 3 केंद्रों पर चल रही है काउंसिलिंग प्रक्रिया

- 60 फीसदी अभ्यर्थी ही रोजाना पहुंच रहे आईआईएमटी कॉलेज

- 40 प्रतिशत अभ्यर्थी रोजाना एबसेंट रहते हैं एमआईईटी में

- 30 प्रतिशत एबसेंट रहते हैं विद्या कॉलेज के काउंसिलिंग सेंटर्स में

केस 1-

ऑफर -1

मवाना स्थित एक कॉलेज प्रशासन ने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजे हैं। इसमें कॉलेज के प्रबंधक का नंबर भी है। फोन पर वह एडमिशन लेने पर काउंसिलिंग में लगने वाले 500 रुपए व 5 हजार रुपए के ड्राफ्ट के साथ पांच हजार रुपए देने की भी बात कर रहे हैं। किताबें दिलाने के साथ ही फीस प्रतिपूर्ति का पैसा दिलाने का दावा भी किया जा रहा है।

केस 2- ऑफर 2-

बाईपास स्थित बीएड इंस्टीट्यूशन के काउंटर पर भी कुछ ऐसा ही दावा है। जिसमें काउंटर पर मौजूद व्यक्ति ने समाज कल्याण विभाग से पूरी फीस की वापसी का दावा किया है। इसके साथ ही प्रेक्टिकल में बेहतर मा‌र्क्स दिलाने की गारंटी भी की है।

मेरठ। बीएड में प्रवेश के लिए इन दिनों शहर के तीन सेंटर्स में काउंसिलिंग चल रही है। लिहाजा प्राइवेट कॉलेज अब अभ्यर्थियों को तरह तरह के ऑफर दे रहे हैं.इसके साथ ही कॉलेज फीस प्रतिपूर्ति के साथ ही बेस्ट मा‌र्क्स देनी की भी पूरी गारंटी दी जा रही है। वहीं कई कॉलेज तो सरकार की तय फीस पर भी डिस्काउंट ऑफर दे रहे हैं।

आधे कैंडिडेट्स की बेरुखी

लखनऊ यूनिवर्सिटी द्वारा करवाई जा रही संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड की काउंसिलिंग से कैंडिडेट्स ने दूरी बना ली है। हाल तो ये है कि छह जून से चल रही काउंसिलंग में सेंटर्स पर 20 से 50 प्रतिशत अभ्यर्थी लगातार एबसेंट हो रहे हैं। शहर के आईआईएमटी कॉलेज, एमआईईटी और विद्या कॉलेज में काउंसिलिंग प्रक्रिया चल रही है।

ओटीपी ने उलझाया

कैंडिडेट्स ओटीपी यानि वन टाइम पासवर्ड के लिए परेशान रहते हैं। आरोप है कि च्वाइस लॉकिंग के लिए ओटीपी की जरुरत होती है। वेबसाइट पर इनवेलिड बताया जा रहा है। जिसको लेकर भी कई अभ्यर्थी शिकायत कर रहे हैं।

लुभावने उपहार भी

कुछ कॉलेज तो ऐसे भी है जो बीएड में डायरेक्ट एडमिशन देने के दावे कर रहे है, ऐसे कॉलेज सरकारी फीस अपनी जेब से भरने का दावा कर रहे है, इसके साथ ही वो उपहार में सरप्राइज गिफ्ट देने का भी प्रलोभन दे रहे हैं। वहीं कुछ कॉलेज तो घर बैठे ही प्रोजेक्ट फाइल दिलाने का दावा कर रहे हैं।

वर्जन

कॉलेजों के ऑफर्स से सावधान रहने की जरुरत है। कैंडिडेट को अपने स्तर पर कॉलेज के बारे में पहले पूरी जानकारी करनी चाहिए। आजकल ऐसे झांसों में फंसकर स्टूडेंट्स का भविष्य भी खराब हो रहा है। जांचने के बाद ही कॉलेज च्वाइस का नाम भरें।

डॉ। पीके मिश्रा, कोर्डिनेटर ऑफ सिटी, बीएड काउंसिलिंग एंट्रेस