सोशल मीडिया पर मोबाइल नंबर लिखा मैसेज और बाजारों में पर्चियां फेंक आरती फंसाती थी लोगों को

मोबाइल पर आने वाली कॉल्स में सरकारी नौकरी वालो को अंकुर और आरती बनाते था टारगेट

अलग-अलग ठिकानों पर लोगों को बुला करते थे कॉल रिकॉर्ड सुनाकर ठगी

कई जगह लोगों को बाथरूम में बंद कर उनका कैश और जेवर लेकर हो जाते थे फरार

Meerut सोशल मीडिया पर मोबाइल नंबर के साथ लिखा कॉल मी मैसेज या भरे बाजार में नंबर के साथ सड़क पर पड़ी पर्ची आपको ठगी का शिकार बना सकती है। ठीक ऐसा ही एक मामला मेरठ में सामने आया है। जिसमें एक युवती और युवक मिलकर सड़कों पर मोबाइल नंबर लिखी पर्चियों फेंक लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। इतना ही नहीं, इंस्टाग्राम और फेसबुक जरिए भी लोगों युवती द्वारा प्यार के जाल में फंसा ठग लिया जाता था। दोनों का ग्राहक को फंसाने और मुलाकात पर बुलाकर पांच लाख रूपये वसूलने का टारगेट होता था। मगर अंकुर और आरती ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह तीन से चार लाख में भी लोगों से समझौता कर लेते थे।

कॉल रिकॉर्ड कर ब्लैकमेलिंग

दरअसल, पुलिस के पूछताछ में सामने आया कि आरती और अंकुर निजी कंपनियों में नौकरी करते थे। लॉकडाउन की शुरुआत में ही दोनों का काम चला गया था। इसके बाद अंकुर ने कुटी चौराहे पर कंप्यूटर की दुकान खोल ली। आरती भी साथ में काम करने लगी थी। इसके बाद दोनों ने ठगी करने की योजना बनाई। अंकुर सोशल मीडिया पर कॉल मी मैसेज में आरती का मोबाइल नंबर शेयर करता था। वहीं शहर के बाजारों में आरती पर्ची फेंककर लोगों को मोबाइल नंबर दिया करती थी। इसके बाद मोबाइल पर कॉल्स आने वाले नंबर्स में से अंकुर और आरती ऐसे लोगों को तलाशते, जो सरकारी नौकरी करते थे या आर्मी में होते थे। इसके बाद ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार कर उन्हें अलग-अलग ठिकानों पर मिलने बुलाया जाता था।

तीन से चार लाख में समझौता

इन ठिकानों पर आने वाले लोगों को मोबाइल पर की गई प्यार-मोहब्बत की बातों की रिकॉर्डिग सुनाकर ठग लिया जाता या फिर उन्हें किसी बहाने बाथरूम में भेज उनका कैश और जेवर लेकर आरती मौके से फरार हो जाती थी। अंकुर और आरती हमेशा कंफर्म रहते थे कि सरकारी नौकरी वाला कहीं रिपोर्ट या शिकायत नहीं कर सकता है।

इन इलाकों में फेंकते थे पर्चियां

तेजगढ़ी चौराहें पर

सोहराब गेट बस स्टैंड

सेंट्रल मार्केट

पीवीएस मॉल

दो ही मामले खुले

हनी ट्रेप के कई मामले साइबर सेल के पास आते हैं। पचास से ज्यादा शिकायत पिछले महीने में आ गई है लेकिन खुलासा केवल अभी तक दो ही मामलों का हो सका है।

हनी ट्रैप में फंसाने वाले दो दबोचे

सोशल मीडिया समेत शहर के बाजारों में युवाओं के सामने मोबाइल नंबर लिखी पर्ची फेंक कर हनी ट्रैप में फंसाने वाले गैंग का पुलिस ने मंगलवार को भंडाफोड़ कर दिया था। एक फौजी की शिकायत पर पुलिस ने युवक-युवती को गिरफ्तार कर लिया था। उनके पास से कई लोगों की चेन, मोबाइल और कागजात मिले थे। आरोपी बड़ी संख्या में लोगों को निशाना बना चुके हैं। गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए नौचंदी पुलिस दबिश भी दे रही है।

पर्ची के साथ-सोशल मीडिया से भी अंकुर और आरती लोगों को ठगी के जाल में फंसाते थे। अब तक दोनों सैकड़ों लोगों को शिकार बना लाखों की ठगी कर चुके हैं। आरोपियों से पूछताछ उन लोगों की डिटेल जुटाई जा रही है।

डॉ। अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी, मेरठ