- दस सेंटर्स पर एंट्रेंस में कुल 4903 स्टूडेंट्स हुए शामिल

- पहले फोटोग्राफी और फिर हुई रूम में स्टूडेंट्स एंट्री

- बच्चों के साथ मां-बाप ने भी दी परीक्षा, करते रहे इंतजार

Meerut: सीपीएमटी एंट्रेंस एग्जाम रविवार को शांतिपूर्वक खत्म हो गया। यह एंट्रेंस एग्जाम ख्ख् जून को गाजियाबाद में पेपर लीक होने के कारण निरस्त कर दिया गया था। इस बार एंट्रेंस के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। सेंटर्स पर सीसीटीवी कैमरे और फोटोग्राफी की व्यवस्था रही। पहले स्टूडेंट्स की एंट्री और फिर उसको फोटोग्राफी सेशन में बुलाया गया। इसके बाद उसको एग्जाम के लिए एंट्री मिली।

यह रहा सीन

सिटी में बनाए गए दस सेंटर्स पर सीपीएमटी (कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट) रविवार को संपन्न हो गया। इस बार यह एग्जाम किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ द्वारा कंडक्ट कराया गया। सीसीएसयू में इकॉनोमिक्स के प्रोफेसर वीके मल्होत्रा मेरठ सेंटर्स पर एंट्रेंस एग्जाम कॉर्डिनेटर बनाए गए थे। मेरठ जिले में एंट्रेंस के लिए दस सेंटर पर भ्फ्फ्म् कैंडीडेट्स ने रजिस्ट्रेशन किया था। सभी सेंटर्स पर पुलिस और प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई की थी।

ब्फ्फ् रहे एबसेंट

एग्जाम सुबह नौ बजे शुरू हुआ और बारह बजे तक चलेगा। सभी सेंटर्स पर कुल मिलाकर ब्फ्फ् कैंडीडेट्स नदारद रहे। जो किसी कारण एंट्रेंस एग्जाम देने नहीं पहुंच पाए। वहीं कैंडीडेट्स को पेन और पानी सेंटर्स पर दिया गया। सबसे पहले इन स्टूडेंट्स को गेट में एंट्री देने के बाद फोटोग्राफी शेसन के लिए जाना पड़ा। इसके साथ ही इनके फिंगर प्रिंट भी लिए गए। ताकि काउंसलिंग के दौरान इनकी जगह कोई और ना आ सके। इससे मुन्ना भाइयों की एंट्री ना के बराबर रहेगी।

भीड़ और इंतजार

इस बार कांवड़ और रूट डायवर्जन के कारण एक सेंटर बदल दिया गया था। बदला हुआ सेंटर डीएन इंटर कॉलेज था, जिसकी जगह एसडी सदर को सेंटर बनाया गया। रविवार को कांवड़ का अच्छा खासा जोर रहा और ट्रैफिक भी वन-वे रहा। इससे कैंडीडेट्स और उनके साथ आने वाले परिजनों को दिक्कतें उठानी पड़ी। इस बार व्यवस्था सख्त थी इसलिए प्रत्येक कैंडीडेट्स के साथ उसके परिजन आए थे।

जाम में छूटे पसीने

सभी सेंटर्स के बाहर गाडि़यों की लंबी लाइन थी। सड़कों पर जाम जैसी स्थिति बनी हुई थी। जहां बच्चा एग्जाम दे रहा था वही इनके परिजनों का भी एग्जाम ही था। जो घंटों अपने बच्चों का इंतजार कर रहे थे। एग्जाम छूटने के बाद शहर में लगभग जाम की सी स्थिति बन गई थी। एक तो वन-वे और दूसरी तरफ चार पहिया वाहनों की भीड़। जाम में लोगों के पसीने छूट रहे थे। फिलहाल यह एग्जाम शांति से संपन्न हो गया।

कई बार दे चुके एग्जाम

इस एंट्रेंस एग्जाम में बहुत सारे ऐसे कैंडीडेट्स भी थे जो पिछले कई साल से तैयारी कर रहे हैं। हर बार एंट्रेंस एग्जाम देते हैं। लेकिन उनकी डॉक्टर बनने की इच्छा अब भी प्रबल है। एंट्रेस देने आए राहुल का कहना है कि वह किसी भी तरह पास हो जाए। उसको डॉक्टर बनना है। उसका और उसके परिवार वालों का सपना यही है कि वह डॉक्टर बन जाए। वह लगातार मेहनत कर रहा है। इस बार उसको उम्मीद भी लग रही है।