- पोस्टमार्टम रिपोर्ट उजागर, मौत का रहस्य बरकरार

-एसपी सिटी ने बताया कि किशनलाल की पसली व स्टर्नम की कई हड्डी टूटी

- अपर नगर मजिस्ट्रेट करेंगे मामले की जांच

Meerut। कताई मिल में ईवीएम की सुरक्षा में मुस्तैद लंगूरों के मालिक किशनलाल की मौत पर जिलाधिकारी ने जांच बैठा दी है। जिलाधिकारी बी। चंद्रकला ने उक्त घटना की मजिस्ट्रीयल जांच कराने के लिए अपर नगर मजिस्ट्रेट ब्रह्मापुरी मेरठ को नामित किया है। घटना की जांच कर अपनी आख्या 15 दिन के अन्दर प्रस्तुत करेंगे।

पीएम रिपोर्ट में भी रहस्य

किशनलाल की मौत का मामला लखनऊ तक गूंजा तो अफसरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को उजागर कर दिया, पर मौत का रहस्य अभी बरकरार है। परिवार के लोग इसे हादसा मानने से इंकार कर रहे है। उनका कहना है कि कोई भी ऐसा साक्ष्य पुलिस ने सामने नहीं रखा है, जो हादसा बता सकें। हालांकि अभी इस मामले में प्रशासनिक अफसरों की जांच शुरू हो गई है।

शरीर पर काफी चोटें

एसपी सिटी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किशनलाल के शरीर पर काफी चोटें लगी हुई बताई गई। पसली और स्टर्नम की कई हड्डियां भी टूटी हुई है। फेफड़े में भी पानी भरा हुआ था। साथ ही मिट्टी भी जमी हुई पाई गई। उससे साफ है कि गंदा पानी मुंह के द्वारा शरीर में प्रवेश कर गया, जिससे डूबने से किशनलाल की मौत हो गई।

लंगूर ने की बचाने की कोशिश

फोरेंसिक एक्सपर्ट ने भी ऐसा ही मानकर रिपोर्ट पेश की है। इतना ही नहीं लंगूर भी गटर के पास ही घूमता रहा, जिससे लग रहा है कि लंगूर ने मालिक को बचाने की भी कोशिश की है।

पुलिस की थ्योरी

सबसे बड़ा रहस्य है कि किशनलाल नग्न अव्यवस्था में कैसे हो गया? जिसे लेकर अलग अलग विचार रखे जा रहे है। एसएसपी जे रविंदर गौड मान रहे है कि लंगूर स्वामी गरीबी हालत में जीवन यापन कर रहा था, जिस प्रकार से शव मिला है, उससे लग रहा है कि किशनलाल अंत:वस्त्र नहीं पहनता था। वहां पर अंधकार होने के कारण उसने अपने सभी कपड़े उतार दिए। लेकिन गटर से किशनलाल नहीं निकल पाया। यही कारण है कि उसका शव नग्न अव्यवस्था में मिला है।

परिवार ने की मुआवजे की मांग :

लंगूर मालिक किशनलाल की मौत के मामले में परिजनों ने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से मुआवजे की मांग की है। किशनलाल के बेटों राजकुमार, राकेश कुमार और अखिलेख ने कहा कि परिवार को पचास लाख का मुआवजा मिलें। साथ ही पूरे मामले की एक कमेटी बनाकर जांच की जाए, जो दूसरे जनपद की पुलिस की हो।