मेरठ (ब्यूरो)। गौरतलब है कि बीते सप्ताह लखनऊ मुख्यालय में आयोजित बैठक में वीसी प्रो। संगीता शुक्ला समेत नौ सदस्यीय टीम ने शिरकत की थी। इसके बाद अब वीसी ने कॉलेजों को जल्द नैक निरीक्षण कराने और रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। आंकड़ों के मुताबिक अभी 40 कॉलेजों ने रिपोर्ट सौंपी है। बाकी कॉलेजों को सोमवार तक का समय दिया गया है।

नैक एक्रिडिटेशन लेना जरूरी
यूजीसी ने 2022 तक देश के सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद (नैक) एक्रिडिटेशन जरूरी कर दिया है। वहीं, बीते दिनों दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी नैक निरीक्षण न कराने वाले कॉलेजों का एफिलेशन खत्म करने की बात कही थी। ऐसे में यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों को लास्ट वॉर्निंग भी दी है।

दो बार ग्रेडिंग
खास बात यह है कि सीसीएस यूनिवर्सिटी को पहले दो बार नैक ग्रेडिंग मिल सकी है। पहली बार साल 2002 में तत्कालीन वीसी प्रो। रमेश चंद्रा ने नैक कराया था।इसमें यूनिवर्सिटी को बी प्लस ग्रेडिंग मिला था।इसके बाद साल 2016 में वीसी प्रो। एनके तनेजा ने नैक कराया। इसमें ब्री ग्रेड मिला था। मगर सीजीपीए 2.84 दिया गया था। इसकी राज्यपाल ने भी प्रशंसा की थी।

क्या होता है नैक ग्रेड
नैक ग्रेडिंग यूजीसी का ही हिस्सा है। इस संस्था की जिम्मेदारी देशभर के यूनिवर्सिटीज, उच्च शिक्षण संस्थानों, निजी संस्थानों में गुणवत्ता की परख करना है। सुविधाओं के आधार पर ग्रेडिंग की जाती है। निरीक्षण के दौरान कॉलेज में शिक्षण सुविधाएं, रिजल्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर, माहौल सहित हर जरूरी बात की जानकारी ली जाती है।

इन बिंदुओं पर होगा निरीक्षण
पाठ्यक्रम पहलू
शिक्षण अध्ययन व मूल्यांकन
अनुसंधान परामर्श
संसाधन
छात्र समर्थ व प्रगति
शासन व नेतृत्व
नवीनता व श्रेष्ठ प्रणाली

सभी कॉलेजों को ग्रेडिंग के लिए अप्लाई करें। इसके निर्देश दिए गए हैं। सीसीएसयू को ए प्लस प्लस ग्रेड मिले इसको लेकर पूरी तैयारियां की जा रही है। सारी कमियों को दूर किया जा रहा है। जो भी कॉलेज नैक निरीक्षण नहीं कराते हैं रिपोर्ट नहीं देते हैं। उन पर कार्रवाई होगी।
प्रो। संगीता शुक्ला, वीसी, सीसीएसयू