- 80 स्कूलों में करीब नहीं पहुंचे शिक्षामित्र

- 400 शिक्षामित्रों ने कलक्ट्रेट में किया प्रदर्शन

80 से अधिक स्कूल रहे बंद । जनपद के करीब

- 966 शिक्षामित्र जिले के स्कूलों में नहीं पहुंचे

मेरठ। सहायक अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों में रोष है। बुधवार को आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के करीब 400 शिक्षामित्रों ने कलक्ट्रेट में हंगामा किया। रोजी-रोटी छीन लेने का आरोप लगाते हुए शिक्षामित्र अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने डीएम को मांग पत्र भी सौंपा। एसोसिएशन का कहना है कि जब तक राज्य सरकार हमारी रोजी रोटी का स्थाई प्रबंध नहीं कर देता हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।

80 से अधिक स्कूल रहे बंद । जनपद के करीब 966 शिक्षामित्र स्कूलों में नहीं पहुंचे। इससे जिलेभर में 80 से अधिक स्कूल बंद रहे। जिससे बच्चों को बैरंग लौटना पड़ा।

यह है स्थिति

गौरतलब है कि जिले में वर्ष 2001 में बतौर संविदा शिक्षामित्रों की तैनाती की गई थी। वर्ष 2001-02 में सर्व शिक्षा अभियान शुरू होने के बाद भर्ती किए गए शिक्षामित्रों को इससे संबद्ध कर दिया गया। इसके बाद समायोजन प्रक्रिया के तहत करीब 966 शिक्षा मित्रों को समायोजित कर इनका वेतन बढ़ाया गया और इन्हें सहायक शिक्षक के रूप में तैनात किया गया।

कोट्स

समायोजित शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध ठहराया गया है। समायोजन निरस्त करने से सभी के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।

धर्मपाल शर्मा, जिलाध्यक्ष, आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन

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संविधान के अनुसार समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाएं । शिक्षामित्रों का आधे से ज्यादा जीवन शिक्षण कार्य में बीत चुका है।

संजीव कुमार, महामंत्री

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हमारा समायोजन निरस्त कर दिया गया है। हमारा घर परिवार इसी से चलता हैं। तुरंत निरस्तीकरण हो जाने से हमारे सामने परिवार को पालने का संकट खड़ा हो गया है।

सुधीर मलिक, कोषाध्यक्ष