प्रशासन ने कंट्रोल रूम की हेल्पलाइन नंबर्स की लिस्ट में रिटायर्डकर्मी उधम सिंह का नंबर भी शामिल

हेल्पलाइन नंबर्स की लिस्ट में दो साल पहले ट्रांसफर हो चुके अधिकारी का नंबर भी शामिल

<प्रशासन ने कंट्रोल रूम की हेल्पलाइन नंबर्स की लिस्ट में रिटायर्डकर्मी उधम सिंह का नंबर भी शामिल

हेल्पलाइन नंबर्स की लिस्ट में दो साल पहले ट्रांसफर हो चुके अधिकारी का नंबर भी शामिल

Meerut.Meerut। कोरोना संक्रमण काल में जनता की मदद के लिए प्रशासन द्वारा जारी किए जा रहे हेल्पलाइन नंबर आमजन के लिए कुछ खास सुविधाजनक साबित नहीं हो पा रहे हैं। हालत ये है कि इन नंबरों पर भी आम जनता को लंबी वेटिग मिल रही है या फिर नंबर स्विच ऑफ आ रहे हैं। इतना ही नहीं, प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि इन नंबरों की सूची में कुछ ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के नंबर्स शामिल कर दिए हैं जो या तो रिटायर हो चुके हैं या जिनका तबादला जिले से बाहर हो गया है।

रिटायर हो चुके उधम सिंह

दरअसल, मंगलवार को प्रशासन द्वारा ऑक्सीजन की उपलब्घता के लिए हेल्पलाइन नंबर्स की सूची जारी की गई थी। जिसमें एक रिटायर्ड चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उधम सिंह का नंबर शामिल था। जिस कारण उधम सिंह को कॉल कर सैकड़ों फरियादियों ने ऑक्सीजन संबंधी जानकारी मांगी। उधम सिंह चकबंदी विभाग से ख्0क्9 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं और कंकरखेड़ा क्षेत्र के मंगलपुरी में रहते हैं। जब से यह सूची जिला प्रशासन ने जारी की है, तब से वह अपने नंबर पर आने वाली लोगों की कॉल्स से बेहद परेशान हैं मगर उन्होंने मोबाइल बंद नहीं किया। उधम सिंह का कहना है कि अगर मैं फोन बंद कर लूंगा तो लोग और ज्यादा परेशान हो जाएंगे।

ये है स्थिति

फ्0 निजी और सरकारी अस्पतालों के प्रभारियों के नंबर दिए गए हैं

इनमें से अधिकांश फोन उठाते ही नहीं हैं।

मेडिकल कॉलेज का जो नंबर दिया गया है, वह नगर निगम के पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी कुंवर सेन का है,

कुंवर सेन का दो साल पहले मेरठ से तबादला हो गया था।

ऐसे में कोविड मरीजों को इलाज कैसे मिल पा रहा होगा यह भी बड़ा विषय है।

नंबर बंद या लंबी वेटिंग

वहीं अगर प्रशासन द्वारा जारी ऑक्सीजन, टेलीमेडिसन आदि सुविधाओं के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर्स की बात करें तो वह भी लोगों की मदद नहीं कर पा रहे हैं। इन नंबर्स पर लंबी वेटिंग के चलते जरूरत के वक्त ज्यादातर लोगों का कॉल वेटिंग में आता है। वहीं अधिकतर नंबर्स बंद ही आ रहे हैं।

गलती से रिटायर कर्मी का मोबाइल नंबर सूची में अंकित हो गया था। उनके स्थान पर दूसरे कर्मी का नंबर चेंज कर दिया गया है। शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता पर किया जा रहा है।

सुभाष चंद प्रजापति, अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व