मेरठ, (ब्यूरो)। गौरतलब है कि सरकार ने एक जनवरी से रेडीमेड कपड़ों पर 12 प्रतिशत जीएसटी करने का ऐलान कर दिया है। इसके चलते रेडी टू वीयर गारमेंट के दाम में 7 प्रतिशत तक की वृद्धि होने जा रही है।

7 प्रतिशत तक बढ़ सकता है दाम
हालांकि, अभी गारमेंट्स पर अभी कपड़ों पर 5 फीसदी जीएसटी है। व्यापारियों के अनुसार सरकार एक जनवरी से रेडीमेड रेडी टू वीयर गारमेंट को 12 फीसदी जीएसटी के दायरे में ला रही है। इससे लेडीज साड़ी, लहंगा, कोट पैंट, शर्ट आदि सभी प्रकार के पार्टी वियर गारमेंट 7 प्रतिशत तक महंगा हो जाएगा। यानि अगर आप एक हजार रुपए की ड्रेस खरीदते हैं तो आपको 70 रुपए अतिरिक्त देना पड़ेगा। यदि आप 10 हजार रुपए की ड्रेस खरीदते हैं तो 700 रुपए तक अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा।

पड़ रही दोहरी मार
व्यापारियों की मानें तो गत वर्ष कोरोना संक्रमण के साथ ही व्यापारी पूरी तरह ठप हो गया था। पिछले साल दीपावली से लेकर शादियों का सीजन पूरी तरह फ्लॉप रहा। इस बार बाजार में कुछ रौनक है, लेकिन उसके साथ ही डीजल के दाम बढऩे से ट्रांसपोर्ट महंगा होने का असर कपड़ों के दाम पर पहले ही आ गया था। हर कपड़ा 50 से 100 रुपए महंगा था ऐसे में अब जीएसटी बढऩे से कपड़ों का बाजार ओर अधिक महंगा हो जाएगा।


जीएसटी से पहले वैट का दौर था, उस समय कपड़े पर टैक्स नहीं लगता था। जीएसटी आने पर एक हजार रुपये से कम के कपड़े पर 5 प्रतिशत टैक्स लगा दिया गया। अब 1 जनवरी 2022 से सभी कपड़ों पर 12 प्रतिशत जीएसटी वसूला जाएगा। इससे महंगाई बढ़ेगी। छोटे व्यापारियों के आगे मुश्किल आएंगी।
- अमित अग्रवाल, अध्यक्ष साड़ी एसोसिएशन

रेडीमेड कपड़ों पर जीएसटी बढ़ाया जाएगा तो महंगाई और अधिक बढ़ेगी। इसके साथ ही जो उनके पुराने ग्राहक वह उन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। रेडीमेड कपड़ा की मार्केट में मंदी आ जाएगी।
- अमित बंसल, महामंत्री सदर व्यापार मंडल

कोरोना के चलते कपड़े महंगे मिल रहे हैं। जीएसटी के बाद और अधिक महंगाई हो जाएगी। लोगों के खर्चे और अधिक बढ़ जाएंगे। मार्केट में ग्राहक कम हो जाएंगे और मंदी आ जाएगी।
- राहुल अग्रवाल, लक्ष्मी हैंडलूम शारदा रोड

रेडीमेड पर जीएसटी बढऩे से कपड़े और अधिक महंगे हो जाएंगे। इससे ग्राहक कई जगहों पर ट्राई करके ही कपड़े खरीदेंगे। जीएसटी बढऩे से दुकानदारों और खरीदारों दोनों पर आर्थिक प्रभाव पड़ेगा।
- महिपाल सिंह, सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ महामंत्री