- सड़कों पर किया अर्धनग्न प्रदर्शन, कुछ स्कूलों में नहीं हुआ शिक्षण कार्य

मेरठ। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लामबंद हुए शिक्षामित्रों का आंदोलन जारी है। छह दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर डटे शिक्षा मित्रों ने सोमवार को जमकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में शिक्षा मित्रों ने अर्धनग्न अवस्था में कमिश्नरी चौराहे से नेहरू रोड होते हुए कचहरी का चक्कर लगाते हुए प्रदर्शन किया। शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल करेंगे। इस दौरान कई शिक्षक संघों के प्रधान भी कमिश्नरी पार्क में पहुंचे। एमएलसी ओमप्रकाश व हेम सिंह पुंडीर ने भी शिक्षा मित्रों का सहयोग देते हुए कहा कि जब तक सरकार शिक्षा मित्रों को उनका सम्मान नहीं लौटा देते तब तक उनका पूरा साथ दिया जाएगा।

नहीें मिला साथ

शिक्षा मित्रों के सहयोग में उतरे प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान के बाद भी सोमवार को स्कूलों में शिक्षण कार्य नहीं रुका। शासन के सख्त निर्देशों के कारण स्कूल खुले रहे। 1570 स्कूलों में तकरीबन सभी स्कूल खुले, जबकि 1223 स्कूल में मिड डे मिल भी बांटा गया। प्राथमिक स्कूल में करीब 46 हजार 623 बच्चे स्कूल पहुंचे जबकि अपर प्राइमरी में 27 हजार 925 बच्चे स्कूल पहुंचे।

नियुक्ति की मांग

शिक्षा मित्रों के समायोजन रद्द होने के बाद टीईटी पास शिक्षकों ने शासन को मांग पत्र सौंप कर खाली पड़े पदों को भरने की मांग तेज कर दी है। सोमवार को अपने मांग पत्र में इन शिक्षकों ने कहा कि 12 हजार 460 खाली पड़े पदों को भरने के लिए तत्काल नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं। इसके अलावा शिक्षा मित्रों के समायोजन के रदद होने बाद खाली हुए पदों को भरने के लिए भी इन शिक्षकों को नियुक्त किया जाएं।

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हमारे घर में कमाने वाली सिर्फ पत्‍‌नी है। हालात बहुत खराब हो चुके हैं। घर में खाने की दिक्कत तक हो जाएगी।

-अनिल शर्मा, शिक्षा मित्र के पति

मेरा प्राइवेट काम हैं। पत्‍‌नी कमाती हैं। अगर नौकरी चली गई तो हमारे लिए काफी दिक्कत हो जाएगी।

हरिदत्त, शिक्षा मित्र के पति

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हम वापस शिक्षा मित्रों के पद पर नहीं जाएंगे। सरकार को हमारे लिए कुछ करना ही होगा। मर जाएंगे, लेकिन धरना खत्म नहीं होगा।

-संदीप गुप्ता, नगर अध्यक्ष

आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन