मेरठ (ब्यूरो)। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए बने एंटी करप्शन विभाग की मेरठ यूनिट ने बीते सालभर में भ्रष्टाचार के मात्र 10 मामलों का खुलासा किया है। यहीं हाल साल 2020 से चला आ रहा है। ये आंकड़े देखकर तो लगता है कि जिले में राम राज्य आ गया है। मगर वास्तव में ऐसा नहीं है, बल्कि ये पूरा प्रोसेस ही इतना जटिल है कि लोग भ्रष्टाचार की शिकायत करने से ही कतराने लगे हैैं।

शिकायतकर्ता को ही देनी पड़ती है रकम
भ्रष्टाचार के मामले में पहले टीम संबंधित व्यक्ति और शिकायतकर्ता के बारे में पूरी जानकारी जुटाती है। उसके बाद शिकायतकर्ता से संपर्क किया जाता है। रिश्वत में मांगी गई रकम शिकायतकर्ता को डीएम के समक्ष गवाह के सामने टीम को देनी होती है। यहां इन नोटों के सीरियल नंबर नोट किए जाते हैं। फिर उन नोटों पर केमिकल लगाकर शिकायतकर्ता द्वारा संबंधित व्यक्ति को बतौर मांगी गई रिश्वत के रूप में दिलवाए जाते हैैं। रिश्वत लेते वक्त अधिकारी के रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद पूरी रकम एंटी करप्शन यूनिट नोटों को कोर्ट में पेश करती है। कोर्ट के आदेश के बाद नोटों की कलर्ड फोटो स्टेट कराकर रकम शिकायतकर्ता को वापस की जाती है। इस पूरे प्रोसेस में करीब तीन माह का समय लग जाता है।

4 साल में 23 मामले
मेरठ मंडल की बात करें तो मेरठ के अलावा बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिले मंडल में आते हैं। एंटी करप्शन की यूनिट पिछले चार सालों में इन छह जिलों में सिर्फ 23 कर्मचारियों को ही भ्रष्टाचार के मामले में ट्रैप कर पाई है। इसमें से 10 मामले अकेले मेरठ से हैैं। इस वर्ष का सबसे बड़ा ट्रैप नोएडा के थाना इकोटेक में उप निरीक्षक गुलाब सिंह का हुआ था, जो नेवी के रिटार्यड अधिकारी से 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।

फैक्ट्स एक नजर में
साल केस
2020 4
2021 2
2022 7
2023 10

हाल में सामने आए मामले

18 जनबरी
उत्तर प्रदेश वित्तीय निगम की शाखा प्रबंधक कुसुमलता को आठ हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा।

27 जनबरी
नोएडा के थाना इकोटेक-1 में उपनिरीक्षक गुलाब सिंह चार लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ा।

24 जनबरी
मवाना बिजलीघर पर तैनात जेई टीजे त्रिपाठी को 16 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा।

1 मई
बागपत जिला पंचायत बागपत में प्रशाशनिक अधिकारी सुभाष तोमर 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।

20 जून
बुलंदशहर में लेखपाल मुकेश कुमार 11 हज़ार की रिश्वत लेते पकड़ा।

1 जुलाई
मेरठ विकास प्राधिकरण में लिपिक अनीता शर्मा को पांच हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।

26 जुलाई
बुलंदशहर में सिकंदराबाद डिपो के कनिष्ठ लिपिक प्रभारी इरा मित्तल को 40 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।

16 अगस्त

नगर निगम मेरठ राजस्व निरीक्षक गृहकर जितेंद्र कुमार को पांच हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।

21 सितंबर
सदर तहसील लेखपाल संदीप कुमार को पांच हजार रिश्वत लेते पकड़ा।

सरकारी विभागों में पैसा देकर तुरंत काम हो जाता है, तो ऐसे में कोई भी व्यक्ति शिकायत करके अपने मामले को लंबा लटकाना नहीं चाहता।
अंकुर बंसल

एंटी करप्शन विभाग में शिकायत की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि आम अदमी शिकायत करने से बचता है। यह आसान होनी चाहिए।
संचित गुप्ता

यदि एंटी करप्शन विभाग अपनी गोपनीय टीम बनाकर खुद ही विभागों का औचक निरीक्षण करें तो भी काफी हद तक भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकती है।
अजित शर्मा

लोगों में जागरुकता बढ़ रही है इसलिए विभाग तक रिश्वत के मामलों की शिकायतें करने लोग आ रहे हैं और उनकी शिकायतों पर तुरंत कार्यवाही कर निस्तारण किया जाता है।
एसके गौड, एडिशनल एसपी, एंटी करप्शन यूनिट