महिला सुरक्षा के लिए गठित एंटी रोमियो स्क्वॉयड और शक्ति मोबाइल पड़ा निष्क्रिय

पिछले डेढ़ साल में मेरठ जिले में 139 रेप और 297 छेड़छाड़ की घटनाएं हुई

सालाना करीब तीन करोड़ खर्च होने के बावजूद महिला अपराध बेलगाम

Meerut। हाथरस की घटना के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठने लगा है। मेरठ जिले की बात करें तो यहां महिला सुरक्षा के लिए गठित की गई एंटी रोमियो स्क्वॉयड और शक्ति मोबाइल पर सालाना करोड़ों खर्च किए जाने के बाद भी महिला अपराधों पर लगाम नहीं कस पा रही है। जिले का पिछले डेढ़ साल का आंकड़ा ये बताता है कि पुलिस कैसे अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम साबित हुई है।

जिले में महिला अपराध बेलगाम

दरअसल, साल 2017 में जब यूपी में योगी आदित्यनाथ ने सरकार की कमान संभाली तो महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले एंटी रोमियो स्क्वॉयड का पुन: गठन किया गया था। लगभग छह माह स्क्वॉयड ने सड़कों मनचलों की घरपकड़ की लेकिन बाद में स्क्वॉयड अचानक से सड़कों से गायब हो गया। इतना ही नहीं सपा सरकार में महिला सुरक्षा को लेकर गठित की गई शक्ति मोबाइल भी निष्क्रिय पड़ा है। महिला सुरक्षा के नाम पर सालाना करीब तीन करोड़ खर्च करने के बावजूद मेरठ जिले में पिछले डेढ़ साल में 139 रेप की घटनाएं हो चुकी है। वहीं अब तक छेड़छाड़ की 297 वारदात को अंजाम दिया जा चुका है। इसके बावजूद एंटी रोमियो स्क्वॉयड और शक्ति मोबाइल की तैनाती सड़कों, बाजारों और मॉल्स के बाहर नहीं दिखाई देती है। लगातार बढ़ रहीं रेप की वारदात और छेड़छाड़ की घटनाएं लोगों में डर पैदा करने के साथ ही पुलिस महकमे के लिए चुनौती बनी हुई हैं।

अपराध के आंकड़े

2019 2020

रेप 10 38

अपहरण 142 38

छेड़छाड़ 216 81

हाल ही में हुई वारदात

15 सितंबर, 2020

मेडिकल एरिया में नर्स के साथ चार आरोपियों ने चलती कार में गैंगरेप किया था। तीन आरोपी पकड़े गए थे जबकि एक आरोपी फरार चल रहा है।

1 अक्टूबर, 2020

लिसाड़ी गेट के अलीबाग में आठ साल की बच्ची के साथ रेप किया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।

पिछले सालों की तुलना में मेरठ में महिला अपराधों की संख्या में कमी आई है। महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों में पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हुए हैं। लगातार हमारे द्वारा सख्त कार्रवाई की भी जाती है।

अजय साहनी, एसएसपी, मेरठ