तब क्यों नहीं की जनहित की बात

-17 अप्रैल, 2013 की मीटिंग में तत्कालीन एसएसपी और डीएम नवदीप रिणवा को बताया था कि सुरक्षा कारणों से आर्मी क्या करने जा रही है।  

- 1 जुलाई, 2013 को हुई सीएमएलसी में डीएम प्रतिनिधि एडीएम सिटी ने बयान दिया कि आर्मी जो भी कर रही है, ठीक है ओर प्रशासन साथ है।

-15 अक्टूबर की बैठक में डीएम के प्रतिनिधि एडीएम सिटी व अन्य अधिकारियों ने हमारी योजनाओं पर किसी ने कोई आपत्ति नहीं की।

- आठ जनवरी, 2014 को डीएम-एसएसपी दफ्तर में मिले थे। तब भी विरोध दर्ज नहीं किया।

- अपनी योजनाओं के बारे में सांसद और विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल को भी बताया था।

- भूसामंडी और खटकाना गेट दोनों मामले हाईकोर्ट में चल रहे हैं। प्रशासन हाईकोर्ट से बड़े नहीं है।

- माल रोड समेत  कैंट की सड़कों पर बढ़ता बोझ प्रशासन की नाकामी है।

- कैंट में जो भी कार्रवाई हो रही है, वह मुख्यालय के निर्देशों के आधार पर ही हो रही है।

- स्कूली बच्चों, उनके अभिभावकों, बसों आदि के लिए भूसा मंडी के पास बना गेट खुला रखा जाएगा।