मेरठ (ब्यूरो)। जाम और अतिक्रमण से कराहते हुए शहर को मल्टीलेवल पार्किंग से बड़ी राहत मिल सकती है। चार साल पहले राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत मल्टीलेवल पार्किंग का प्रस्ताव स्वीकृत भी हुआ। पार्किंग बनाने की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है। लेकिन, नगर निगम को यह पहाड़ तोडऩे जैसा लगता है। बीते चार साल में निगम मल्टीलेवल पार्किंग के लिए अभी तक जगह चिह्नित नहीं कर सका है।

शहर की प्रमुख जरूरत
इस समय मल्टीलेवल पार्किंग शहर की प्रमुख जरूरत है। शासन को भी इस बारे में अवगत कराया जा चुका है कि महानगर में लगातार वाहन बढ़ रहे हैं। कोई सड़क ऐसी नहीं है, जहां दिन निकलते ही जाम न लगता हो। पुराने शहर के घंटाघर क्षेत्र में शहर सर्राफा, लाला का बाजार, खैर नगर, कबाड़ी बाजार, दाल मंडी सहित अन्य स्थलों पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। यहां पार्किंग की समस्या और भी गंभीर है। जिसके निस्तारण के लिए मल्टीलेवल पार्किंग ही बेहतर विकल्प है।

पार्षदों खारिज किया प्रस्ताव
चार साल पहले मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की कवायद तत्कालीन नगर आयुक्त डॉ। अरङ्क्षवद चौरसिया के समय हुई थी। उस वक्त पुराने शहर में वाहन पार्किंग की समस्या को देखते हुए नगर निगम परिसर स्थित जलकल की बिङ्क्षल्डग को तोड़कर मल्टीलेवल कार पार्किंग बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। लेकिन, उनके तबादले के बाद तत्कालीन नगर आयुक्त मनीष बंसल ने टाउन हॉल परिसर के दोनों प्रवेश द्वार के बीच मल्टीलेवल कार पार्किंग बनाने का प्रस्ताव बना दिया। पार्किंग स्थल की रिपोर्ट शासन को भेजी जाती, उससे पहले ही भाजपा पार्षदों ने टाउन हॉल परिसर को ऐतिहासिक बताते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

अभी भी अधूरी तलाश
इस कवायद को आगे बढ़ाने के लिए दो नए विकल्प सुझाए गए थे। जिसमें नगर निगम परिसर स्थित जलकल की बिङ्क्षल्डग को तोड़कर और दूसरा विकल्प टाउन हॉल परिसर के समीप पश्चिम की तरफ स्थित नगर निगम स्टोर की जमीन पर मल्टीलेवल पार्किंग का विचार बनाया गया था। इसको लेकर नगर निगम अधिकारियों ने दोनों ही जमीनों का सर्वे किया। लेकिन, यह योजना भी असफल रही। इसके बाद हापुड़ अड्डे पर बीएवी कॉलेज प्ले ग्राउंड के पास, केसरगंज पुलिस चौकी के पास की जमीन समेत तीन स्थानों पर सर्वे की प्लानिंग की गई थी।

हाईकोर्ट लगा चुका फटकार
मल्टी लेवल वाहन पार्किंग का मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंच चुका है। मामले में हाईकोर्ट नगर निगम के साथ एमडीए और जिला प्रशासन को भी फटकार लगा चुका है। प्रशासन की तरफ से कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा गया है कि शहर में मल्टीलेवल पार्किंग के लिए अभी उपयुक्त स्थल नहीं मिला है। इसके बाद से पार्किंग का मुद्दा फाइलों में कैद होकर रह गया है।

इन जगहों पर जरूरत
-घंटाघर क्षेत्र
नगर निगम परिसर बैंक वाली बिल्डिंग के सामने वाले स्थान पर और दूसरा टाउन हॉल के मुख्य भवन के पश्चिम में स्थित नगर निगम स्टोर वाला स्थान

- कलेक्ट्रेट परिसर
-केसरगंज पुलिस चौकी के पास
-हापुड़ रोड- बीएवी कॉलेज प्ले ग्राउंड के पास

कोट्स
मल्टीलेवल पार्किंग का मुद्दा सर्राफा बाजार और खैरनगर बाजार दोनों व्यापारियों की तरफ से उठाया गया था। हमने सुझाव भी दिए थे। लेकिन, उन सुझाव पर विचार के बाद भी मामला अधर में अटका हुआ है।
-रजनीश कौशल, महामंत्री मेरठ कैमिस्ट ड्रगिस्ट एसो।

बिना पार्किंग के खैर नगर में रोजाना दिनभर जाम लगा रहता है। खुद व्यापारियों को अपने वाहन तक खड़ा करने की जगह नहीं मिलती है। हजारों ग्राहक रोजाना बाजार में आते हैं। लेकिन, जगह नहीं है।
-सुधीर कुमार, कोषाध्यक्ष, मेरठ कैमिस्ट ड्रगिस्ट एसो।

मल्टीलेवल पार्किंग के लिए हमने टाउन हॉल और नगर निगम परिसर का सुझाव दिया था। लेकिन, एक भी जगह फाइनल नहीं हुई। सर्राफा बाजार की गलियों में दोपहिया वाहन खड़े करने की जगह तक नहीं है।
-विजय आनंद, सचिव, बुलियन एसोसिएशन

वर्जन
मल्टीलेवल पार्किंग स्थल को लेकर लगातार विवाद चल रहा है। इसलिए जो प्रस्ताव पहले बने थे उन पर काम नहीं हो सका। अब नगरायुक्त का तबादला होने के बाद यह काम भी पूरी तरह रुक गया है। नए नगरायुक्त आने के बाद आगे इसमें काम होगा।
-इंद्रविजय, सहायक नगरायुक्त