रैपिड रेल के ट्रैक के लिए स्पेन और ऑस्ट्रिया की कंपनी के सबसे कम रेट के चलते टेंडर देने की संभावना

Meerut। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का काम अब तेज पकड़ने लगा है। इसके तहत अब विदेशी कंपनियों ने एनसीआरटीसी रैपिड रेल से जुड़े अन्य प्रोजेक्ट से जुड़ना शुरु कर दिया है। इस क्रम में चाइना से लेकर स्पेन, ऑस्ट्रिया की कंपनी इस रैपिड रेल प्रोजेक्ट में हिस्सा बन रही हैं। इसके तहत रैपिड रेल के ट्रैक को लेकर अब कंपनियों ने टेंडर दाखिल करने के बाद अपनी बोली लगा दी है। इसमें रैपिड रेल के ट्रैक के लिए स्पेन और ऑस्ट्रिया की कंपनी के सबसे कम रेट के चलते टेंडर दिए जाने की संभावना बढ़ गई है।

ऑस्ट्रिया की कंपनी बनाएगी ट्रैक

दिल्ली- मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की पटरी के लिए स्पेन की कंपनी हेड हार्डडेन ने सबसे कम बोली लगाई है। यह कंपनी निर्माणाधीन 82.15 किलोमीटर के ट्रैक के लिए 22,000 मीट्रिक टन पटरियां आपूíत करेगी। ऐसे में रैपिड रेल की पटरियां बनाने का काम स्पेन को दिए जाने की पूरी संभावना है। वहीं इस ट्रैक को बिछाने का काम ऑस्ट्रिया के वियना की कंपनी करेगी। इसके साथ ही टनल निर्माण के काम का टेंडर भी अभी खुला नही है। टनल निर्माण में सबसे कम बोली चाइना की कंपनी ने लगाई है। ऐसे में टेंडर खुलने से पहले ही यह टेंडर विवादों में घिर गया है। इसके लिए पांच विदेशी कंपनियों ने अपनी बिड डाली थी जिसमें सबसे कम चाइना की कंपनी की बिड है।

गंगनहर पर पिलर बनेंगे चुनौती

एनसीआरटीसी के सामने बड़ी चुनौती यह है कि गंगनहर के ऊपर पिलर्स खड़ा कैसे किया जाए। ऐसे में एनसीआरटीसी सíदयों के इंतजार में है। सर्दी में दो माह के लिए गंगनहर बंद की जाती है, उसी दौरान पिलर्स गंगनहर में बनाए जाएंगे। इसके बाद साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर का ट्रैक 400 पिलर्स की मदद से पूरा हो सकेगा। इसमें से 200 पिलर्स के फाउंडेशन तैयार कर लिया गया है। ये पिलर्स जल्द ही पूरे कर लिये जाएंगे। शताब्दीनगर से साहिबाबाद तक ट्रैक ऐलिवेटिड रहेगा इसके लिए दुहाई और शताब्दीनगर के बीच अत्याधुनिक मशीन से खुदाई कर पिलर्स लगाने का काम किया जा रहा है। परतापुर से लेकर बिजली बंबा रोड तिराहे तक गार्ड लगाकर डिवाइडर को कवर कर लिया गया है। क्योंकि यहां पर डिवाइडर को तोड़कर पिलर्स बनाने की प्रक्रिया की जा रही है।