प्रदेश सरकार की सूची में 61वें नंबर पर पहुंचा मेरठ

फरवरी माह में प्रदेश स्तरीय सूची में 32वें नंबर पर था मेरठ

कोरोना और पंचायत चुनाव के कारण सूची में पिछड़ा जिला

Meerut। कोरोना काल में तो जनपद में विकास के कामों पर असर पड़ा ही है, उससे पहले से ही जिला विकास कार्यक्रमों में पिछड़ने लगा था। इसका खुलासा मंगलवार को जारी विकास एजेंडा कार्यक्रम के रिपोर्ट कार्ड से हुआ है। प्रदेश सरकार ने मार्च महीने के लिए यह लिस्ट जारी की है। इसमें मेरठ जिले को 61वां नंबर मिला है, जबकि इससे पहले महीने यानी फरवरी में जनपद 32वें स्थान पर था। मंडल में सम्मानजनक स्थिति में बुलंदशहर ही सूची में छह स्थान पर है।

शुरू हुई ग्रेडिंग

दरअसल, प्रदेश सरकार ने विकास एजेंडा कार्यक्रम के तहत जिलों में विकास की गति मापने और योजनाओं के क्रियान्वयन को जांचने के लिए ग्रे¨डग व्यवस्था शुरू की है। कार्यक्रम के तहत विकास योजनाओं की जनपद गति को देखते हुए अंक प्रदान किए जाते हैं और इसी के आधार पर प्रदेश स्तरीय सूची में जनपद की स्थिति तय होती है।

63 कार्यक्रम लागू

प्रदेश स्तरीय सूची में मेरठ का प्रदर्शन लगातार खराब हो रहा है। फरवरी माह में जहां सूची में जनपद 32 वें स्थान पर था और इससे पहले 38 वें स्थान पर था। वहीं अब मेरठ इस सूची में निराशाजनक प्रदर्शन के साथ 61 वें स्थान पर पहुंच गया है। जनपद में एजेंडा कार्यक्रम के तहत 63 कार्यक्रम लागू किए गए हैं और इन्हीं कार्यक्रमों का आंकलन कर अंक प्रदान किए गए हैं। मार्च में जनपद को 315 अंकों में से 257 अंक प्राप्त हुए है। जिस कारण जनपद सूची में खिसक कर काफी पीछे चला गया है।

आगे रहा बुलंदशहर

प्रदेश स्तरीय सूची में सबसे पहले नंबर पर आंबेडकर नगर जनपद है। जबकि सबसे अंतिम नाम फरूखाबाद का है। मेरठ मंडल की बात करें तो बुलंदशहर छह, गाजियाबाद 11 वें, गौतमबुद्धनगर 20 वें, बागपत 25 वें और हापुड़ सबसे खराब अंकों के साथ 74 वें स्थान पर है।

विकास एंजेडा कार्यक्रम में जनपद को बेहतर स्थिति में लाया जाएगा। इसके लिए प्रयास जारी है। अगली बार जनपद का नाम पहले 10 जनपदों में शामिल कराने पर जोर रहेगा।

शशांक चौधरी, सीडीओ