- डीएम से स्टूडेंट की शिकायत के बाद हुआ खुलासा

Meerut: बीएड कॉलेजों पर पहले भी फर्जीवाड़े की उंगली उठती रही हैं। एक बार फिर इन कॉलेजों द्वारा स्कॉलरशिप में फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब एक गर्ल स्टूडेंट ने डीएम से शिकायत की। खुलासे में पता चला कि कॉलेज वाले स्टूडेंट्स के फर्जी एडमिशन कर ऑनलाइन स्कॉलरशिप फॉर्म भरकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। उनकी स्कॉलरशिप को हड़प रहे हैं।

यह है मामला

सुल्तानपुर के गांव पीपर की रहने वाली स्टूडेंट निशा पुत्री दयाशंकर ने बीएड सेशन ख्0क्ब्-क्भ् की सेकंड काउंसिलिंग में क्0 अक्टूबर को खलीलाबाद में हिस्सा लिया था। जहां निशा ने च्वॉइस में हिमांशु विक्रम सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टीचिंग एंड ट्रेनिंग कॉलेज लॉक किया था। वहां उसने अक्टूबर में एडमिशन ले लिया। इसके बाद स्कॉलरशिप के लिए ऑनलाइन आवेदन टाइम पर कर दिया था, लेकिन उसका फॉर्म सत्यापन के दौरान निरस्त कर दिया गया था।

फॉर्म दूसरे कॉलेज ने भर दिया

निशा ने जब फॉर्म निरस्त करने का कारण पूछा तो बताया गया कि उसका फॉर्म आरआईईटी विद्यापीठ पोहली सरधना रोड मेरठ से पहले ही अग्रसारित हो चुका है। वहां उसका एडमिशन 8 जुलाई को होना दिखाया गया। इतना ही नहीं निशा का खाता भी इस कॉलेज द्वारा केनरा बैंक यूनिवर्सिटी रोड में खुला हुआ दर्शाया गया है। जिसका नम्बर-8भ्80क्0800म्ख्0क् है। पीडि़त स्टूडेंट का कहना है कि उसका खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में खुला हुआ है। मेरठ में खुलवाए गए बैंक खाते और एडमिशन के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है।

कार्रवाई की मांग

कॉलेज में स्कॉलरशिप फॉर्म निरस्त होने पर उससे फीस जमा कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जबकि उसकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह अपनी फीस जमा करा सके। निशा ने डीएम पंकज यादव से पूरे मामले की शिकायत की। साथ ही उसने अपने सभी प्रमाण पत्रों की जांच कराकर फर्जी प्रवेश करने वाले कॉलेज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।