44 केंद्रों पर आयोजित किया गया एंट्रेस एग्जाम

2 पालियों में तकरीबन 30 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने छोड़ी परीक्षा

Meerut। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान पहला कंप्टेटिव बीएड एंट्रेस एग्जाम कराया गया। मेरठ में 44 केंद्रों पर 18800 अभ्यर्थी ने फार्म भरा था। इनमें से दोनो पालियों में 30 प्रतिशत स्टूडेंट ने परीक्षा छोड़ी। हालांकि, कोरोना की वजह से अभ्यíथयों की संख्या कम दिख रही है। मेरठ और आसपास के जिलों में बीएड की परीक्षा का आयोजन किया गया है। हालांकि, केंद्रों पर मास्क व अन्य नियमों का ध्यान रखा गया है। कुछ सेंटरों पर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा गया।

मास्क लगाकर दिया एग्जाम

यह पहली बार है कि कोरोना की वजह से अभ्यíथयों को कई बदलाव के बीच परीक्षा देनी पड़ी, जिसमें हर सेंटर को सैनेटाइज किया गया.एडमिट कार्ड के साथ मास्क की भी जांच हुई हर कक्ष में अभ्यíथयों को दूर दूर बैठाया गया तो दूसरी ओर मास्क लगाकर परीक्षा दे रहें थे। सुबह आठ बजे से ही अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गए सभी अभ्यíथयों को मास्क पहनना और सैनिटाइजर रखना आवश्यक किया गया। हालांकि परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का जमकर उल्लंघन भी हुआ, मार्केट बंद होने की वजह से किसी को बाहर कोई सामान नहीं मिला, इसलिए अभ्यíथयों को खाने पीने की वस्तुएं अपने साथ ही लेकर पहुंचें, वहीं पहली पाली की परीक्षा के बाद अभ्यíथयों को कैंपस में ही रहना पड़ा। केंद्रों पर थर्मल स्कैनिंग के बिना एंट्री प्रतिबंधित रही, वहीं सेंटरों पर नोटिस चस्पा किया गया था कि अगर किसी को बुखार है तो वह इसकी जानकारी पहले ही दे दे, उसकी परीक्षा दूसरे कक्ष में कराई जाएगी।

तीन जगहों से एंट्री

एंट्री के लिए मेरठ कॉलेज को तीन सेंटर में विभाजित किया गया था। सेंटर ए के स्टूडेंट सेल्फ फाइनेंस द्वार से आए, सेंटर बी के स्टूडेंट को भौतिकी द्वार से एंट्री दी गई सेंटर सी के स्टूडेंट को शताब्दी द्वार से एंट्री दी गई।

बेमानी हुई सोशल डिस्टेसिंग

बीएड प्रवेश परीक्षा में जहां परीक्षा केंद्र के भीतर अभ्यíथयों में दूरी रखने का प्रयास किया गया, वही, अभ्यíथयों के साथ आए प्रियजनों की वजह से केन्द्रों के बाहर हुजूम रहा, कॉलेज के बाहर भीड़ को बाद में पुलिस ने दूर करने का प्रयास किया। बहुत से लोग बगैर मास्क के भी दिखे।