- नकली दवाओं के नाम पर बाजार में बिक रही चॉक
- डॉक्टर्स बोले, सस्ते के चक्कर में हो सकता है खतरा
Meerut। नकली दवाओं का जाल जिले में अपनी जड़ें मजबूत कर रहा है। बुधवार को पकड़ी गई 50 लाख की नकली दवाओं के बाद कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि मिलावट खोर कैल्शियम कार्बोनेट यानी चॉक पाउडर की गोलियां पैंकिंग बनाकर बेच रहे हैं। बड़ी बात ये है कि नकली दवाओं के सेवन से लोगों की जान को खतरा हो सकता है।
बिल से होगा बचाव
नकली दवाइयों के नेक्सस से बचने के लिए जरूरी है कि कहीं से भी दवाइयां खरीदने के बाद कस्टमर बिल जरूर लें। ड्रग इंस्पेक्टर बताते हैं कि असली दवाओं की पूरी बिलिंग होती है। मैन्यूफैक्चरर से लेकर रिटेलर तक के पास इनका पूरा बिल होता है, जबकि रिकॉर्ड भी मैंटेन होता है। जबकि नकली दवाइयों को कम रेट पर बिना बिल बेचा जाता है। चूंकि इनमें मुनाफा ज्यादा होता है, इसिलए रिटेलर और कस्टमर दोनों सस्ती के चक्कर में बिल नहीं लेते हैं और मिलावटखोरों के मंसूबे कामयाब हो जाते हैं।
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रखी जा रही नजर
बुधवार को पकड़ी गई नकली दवाइयों के बाद विभाग ने ऐसी दवाइयां बनाने और बेचने वालों को लेकर अपनी नजरें टेढ़ी करनी शुरु कर दी है। विभाग की ओर से ऐसे लोगों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है, जिनका रिकॉर्ड मेंटेन नहीं है। इसके बाद ऐसे लोगों पर कार्रवाई की प्रिक्रिया शुरु की जाएगी।
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ऐसे करें शिकायत
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि लोगों को चाहिए कि वह प्रॉपर फॉर्मेट में बिल लें। अगर कोई मेडिकल स्टोर संचालक बिल देने से मना करता है तो वह ड्रग विभाग में शिकायत कर सकता है। मेडिकल कॉलेज में बने ड्रग विभाग में सुबह 10 से 5 बजे तक लोग शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा 8127531753 नंबर पर भी शिकायत कर सकते हैं।
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लोगों से हमारी अपील है कि वह बिल लेकर ही दवाएं खरीदें। इससे न केवल नकली दवाओं की बिक्री पर रोक लगेगी, बल्कि मिलावटखोरों के मंसूबों को भी तोड़ा जा सकता है।
पवन शाक्य, ड्रग इंस्पेक्टर, मेरठ
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नकली दवाओं में ड्रग कंपोनेंट काफी कम होता है या होता ही नहीं है। ऐसे में इनका प्रयोग करने से जहां बीमारियां बढ़ने की आशंका रहती है, वहीं जान को भी खतरा बना रहता है।
डॉ। नवीन गुप्ता
अध्यक्ष, आईएमए