स्थानीय क्षेत्र में सीवर की सालों से चल रही मांग, नही हो रहा सीवर का निर्माण

Meerut। बरसात शुरु होते ही शहर के कुछ ऐसे इलाके हैं जो हर साल जलभराव की समस्या से जूझते हैं। ये इलाके नगर निगम सीमा में शामिल होने के बाद भी नगर निगम की सभी मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं। न सिर्फ इन जगहों पर हाउस टैक्स, वाटर टैक्स वसूला जाता है, बल्कि सीवर टैक्स भी जाता है, जबकि क्षेत्र में सीवर लाइन तक नही है। हम बात कर रहे हैं शहर के प्रमुख बुनकर नगर और किदवई नगर की, जहां शहर के प्रमुख कुटीर उद्योगों का संचालन होता है। लेकिन बरसात के दौरान यहां गलियों से लेकर घरों में पानी भर जाता है। इसका नतीजा यह है कि यहां के लोग अब मकान बेचकर जाने को मजबूर हो गए हैं।

अधूरा सीवर और डेयरियां

दरअसल कांच का पुल के पास स्थिति किदवई नगर, लुहारपुरा, विकासपुरी और बुनकर नगर बरसात के दौरान हर साल जलभराव से जूझते हैं। सबसे प्रमुख कारण है कि इस क्षेत्र की जल निकासी ओडियन नाले पर निर्भर है, लेकिन इन क्षेत्रों का ग्राउंड लेवल नाले के लेवल से नीचा है। ऐसे में जब बरसात होती है तो पानी नाले में जाने के बजाए नाले का पानी ही बैक होकर गलियों में वापस भर जाता है। दूसरा इस क्षेत्र में जल निकासी पूरी तरह नालियों पर निर्भर है और नालियों इस क्षेत्र में चल रही अवैध डेयरियों के गोबर के कारण बंद रहती हैं। ऐसे में पानी नालियों के बजाए गलियो में बहता है। तीसरा इस क्षेत्र में सीवर लाइन की व्यवस्था बनाने का निगम पिछले तीन साल से प्रयास कर रहा है। इस प्रयास में गलियों में तो निगम ने सीवरलाइन डाल दी, लेकिन मेन रोड की लाइन से उन्हें जोड़ा नही गया है। ऐसे में सीवर लाइन शोपीस बनी हुई हैं। इन प्रमुख समस्याओं के कारण यह क्षेत्र हर बरसात में जलभराव की समस्या से जूझता है।

हर साल बरसात में यही हाल हो जाता है। बुनकर नगर में कपडे के सैकड़ों कुटीर उद्योग चलते हैं बरसात में नालियों का पानी ओवर फ्लो होकर इन छोटी इंडस्ट्रीज में भर जाता है। लोग घर बेचकर जाने को मजबूर हो गए हैं। कई बार निगम से इस समस्या के निस्तारण की मांग भी की लेकिन नालियों की सफाई तक नही हो रही है।

शरीफ अहमद

हम लोग अपने स्तर पर नालियों की साफ सफाई करते रहते हैं, लेकिन डेयरियों से आने वाले गोबर के कारण पूरे क्षेत्र की नालियां जाम हुई पड़ी हैं तो पानी कहां बहेगा। इसलिए गलियों से लेकर सड़कों तक पानी भर जाता है। बरसात में पूरे सीजन कीचड़ और जलभराव से जूझना पड़ता है।

हाजी मुन्ना

यहां की गलियों का लेवल ओडियन नाले के लेवल से ऊंचा होना चाहिए, तब कुछ इस समस्या का समाधान बन सकता है। या फिर सीवर लाइन को जल्द से जल्द चालू किया जाए। अभी तो केवल गलियों में सीवर बनाकर खानापूíत कर दी गई है।

हाजी सलीम अंसारी

हमारे क्षेत्र जलभराव की समस्या दूर करने के लिए कई बार मांग की गई है लेकिन निगम स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। विकासपुरी में इस सीजन में एक बार सफाई हुई है। बाकि किसी क्षेत्र में नालियों की सफाई तो दूर कूड़ा तक नही उठाया जा रहा है।

अहसान, पार्षद वार्ड 72

इस क्षेत्र में डेयरियों का गोबर नालियों के चौक होने का प्रमुख कारण है। डेयरियों पर एक्शन किया गया था लेकिन बार-बार शुरु हो जाती है। बाकि मेन ओडियन नाले की कई बार सफाई हो चुकी है अब अंदर गलियों में अभियान चलाया जाएगा।

डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी