कैंट बोर्ड ने 15 जनवरी को एंट्री फीस प्वाइंट बंद करने के आदेश को लिया वापस

दिल्ली रोड समेत रुड़की और मवाना रोड पर व्हीकल एंट्री फीस पर नहीं लगेगी रोक

3 फरवरी को एक बार फिर कैंट बोर्ड कोर्ट में रखेगा अपना पक्ष

Meerut। दिल्ली रोड समेत रुड़की और मवाना रोड पर व्हीकल एंट्री फीस पर रोक नहीं नहीं लगेगी। इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में फजीहत के बाद कैंट बोर्ड अपने निर्णय पर बैकफुट पर आ गया है। इस मामले में कैंट बोर्ड ने 15 जनवरी की बोर्ड बैठक में लिए एंट्री फीस प्वाइंट बंद करने के आदेश को वापस ले लिया। हालांकि, इस आदेश से पहले ही तीन जगहों पर एंट्री फीस प्वाइंट शुरु हो चुके हैं। ऐसे में कैंट बोर्ड के इस निर्णय से भी कैंट बोर्ड की फजीहत हुई है। अब कैंट के सभी 11 एंट्री फीस प्वाइंट कोर्ट के अगले आदेश तक जारी रहेंगे।

15 के प्रस्ताव पर बैकफुट

अब 3 फरवरी को एक बार फिर कैंट बोर्ड को व्हीकल एंट्री फीस प्वाइंट के मामले में कोर्ट में अपना पक्ष रखना है। ऐसे में कैंट बोर्ड पहले अपनी गलतियों को सुधारने में जुट गया है ताकि कोर्ट के सामने मजबूत पक्ष रख सके। कैंट बोर्ड में शुक्रवार को बैठक की गई। इसमे सबसे पहले 15 जनवरी की बोर्ड बैठक में एंट्री फीस प्वाइंट निरस्त करने के लिए प्रस्ताव को वापस लिया गया। बैठक में बोर्ड सदस्यों द्वारा सामूहिक रूप से पारित प्रस्ताव (संकल्प) को वापस ले लिया गया जिसमें कैंट के 11 पाइंट में से तीन प्वाइंट ठेके के निरस्त कर दिए गए थे।

एक सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा

शुक्रवार को आयोजित विशेष बोर्ड बैठक में व्हीकल एंट्री फीस के प्वाइंट को लेकर एक सूत्रीय एजेंडा पर चर्चा हुई। इसकी शुरुआत में ही बोर्ड के सचिव सदस्य मुख्य अधिशासी अधिकारी प्रसाद चव्हाण ने पूरा एजेंडा बोर्ड को पढ़कर सुनाया गया। वहीं, बोर्ड को आदेश नोट करने का आग्रह करते हुए एंट्री प्वाइंट के मुददे पर निर्णय लेने को कहा गया। जिस पर बोर्ड सदस्यों ने ये संकल्प प्रस्ताव पास किया गया।

नही शामिल हुए जन प्रतिनिधि

हाई कोर्ट की अवमानना के मामले में कैंट बोर्ड को फंसा देखते हुए शहर के सांसद, विधायक ने इस मामले से दूरी बना ली है। बोर्ड बैठक में सांसद विधायक समेत कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी भी मौजूद नही हुए। इसके साथ बोर्ड सदस्य बुशरा कमाल भी शामिल नही हुईं। हालांकि, चर्चा रही की उपाध्यक्ष और सदस्य बोर्ड बैठक के इस फैसले के पक्ष में नही थे। इसलिए शामिल नही हुए।

कोर्ट पर निर्भर निर्णय

एंट्री फीस से शहर की जनता को राहत दिलाने में नाकाम कैंट बोर्ड ने टोल का पूरा निर्णय अब कोर्ट के पाले में डाल दिया है। एंट्री फीस प्वाइंट चलेगे या नही, यह अब इस पर निर्भर है कि बोर्ड अब हाईकोर्ट में इस केस को किस तरह लड़ता है और उसके वकील किस तरह की इस पूरे मामले में जनहित को आधार बनाते हुए रखते हैं।

जनहित और प्रॉफिट में फंसे

हालांकि, कैंट बोर्ड के लिए यह मामला दोनो तरफ से ही हार का है क्योंकि एक तरफ बोर्ड की आमदनी का सवाल है तो दूसरी तरफ जनहित में सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधियों समेत जिलाधिकारी का इस ठेके के विरोध में दबाव है। अगर सभी प्वाइंट पर वसूली की जारी रहती है तो लगभग 4 लाख 20 हजार की प्रतिदिन कैंट बोर्ड के खाते में आएंगे। इस आमदनी में सबसे अधिक योगदान दिल्ली रोड वाले एंट्री पाइंट का शामिल होगा। इस आमदनी से कैंट बोर्ड की खस्ता आर्थिक हालत में तो सुधार होगा ही साथ साथ कैंट क्षेत्र में विकास भी होगा।

ये रहे मौजूद

बैठक में अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनमोल सूद, सीईओ प्रसाद चव्हाण, एडम कमांडेंट कर्नल संदीप, सदस्य बीना वाधवा, रिनी जैन, नीरज राठौर, अनिल जैन, मंजू गोयल, धमर्ेंद्र सोनकर, जीई साउथ एन ए मैतेई समेत कार्यालय अधीक्षक ब्रजेश सिंघल आदि शामिल रहे।