13 जुलाई से परिवर्तित बोर्ड में बोर्ड अध्यक्ष और सीईओ रहेंगे सदस्य

Meerut। छावनी परिषद के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 12 जुलाई को खत्म हो जाएगा। छावनी परिषद के निर्वाचित सदस्यों का छह साल का कार्यकाल रहा है। अब जब तक छावनी परिषद का चुनाव नहीं हो जाता। बगैर सदस्यों के ही बोर्ड का संचालन होगा। 13 जुलाई से परिवर्तित बोर्ड काम करेगा। इसमें बोर्ड के अध्यक्ष़, सीईओ और एक मनोनीत सदस्य परिवर्तित बोर्ड में होंगे। मनोनीत सदस्य का नाम अभी तय नहीं हो पाया है।

छह-छह महीने का एक्सटेंशन

कैंट बोर्ड का वर्ष 2015 में गठन हुआ था। 12 जुलाई 2020 को वर्तमान बोर्ड का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो गया था। कोरोना की वजह से चुनाव नहीं हुआ तो दो बार छह-छह महीने के लिए एक्सटेंशन दिया गया। इस तरह से एक साल तक बोर्ड के निर्वाचित सदस्यों को एक्सटेंशन मिला। 12 जुलाई 2021 को सभी आठ वार्ड के निर्वाचित सदस्यों में वार्ड एक से बुशरा कमाल, दो की सदस्य रिनी जैन, तीन की सदस्य व उपाध्यक्ष बीना वाधवा, चार के सदस्य नीरज राठौर, पांच के सदस्य अनिल जैन, सात के सदस्य धर्मेंद्र सोनकर और वार्ड आठ के सदस्य विपिन सोढ़ी का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। वार्ड छह की सदस्य मंजू गोयल की पहले ही कोरोना से निधन हो चुका है। इन छह साल में छावनी परिषद की राजनीति से लेकर कार्यविधि में कई उठापटक भी हुए। जिसके लिए इस बोर्ड को याद रखा जाएगा। कार्यकाल खत्म होने के साथ ही अब सभी एक बार फिर अपने-अपने वार्ड में जनता के बीच में हैं। अगले साल प्रदेश में विधानसभा का चुनाव है। संभावना है कि वर्ष 2022 के बाद ही छावनी परिषद का चुनाव हो। ऐसे में दोबारा से बोर्ड में आने के लिए सदस्यों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

शपथ भी, विदाई भी

छह साल में पांच सीईओ का कार्यकाल रहा है। इसमें दो बार नवेंद्र नाथ ही सीईओ रहे। वर्ष 2015 में निर्वाचित सदस्यों का शपथ सीईओ नवेंद्र नाथ ने दिलाई थी, अब 2021 में दोबारा से नवेंद्र नाथ ने विदाई दी।

हुए जनहित के काम

छह साल के कार्यकाल में छावनी में वित्तीय समस्या सबसे अधिक रही। फिर भी मोबाइल टावर लगाने से लेकर कुछ वार्ड में सीवर लाइन बिछाने का काम भी हुआ। रसोई गैस पाइप लाइन बिछाने का काम भी शुरू हुआ। शुद्ध पेयजल के लिए 21 वाटर एटीएम लगे, जो अब खराब पड़े हुए हैं।

स्वच्छता रैं¨कग में कैंट

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम शुरू हुआ। स्वच्छता रैं¨कग में मेरठ कैंट 63 छावनियों में शीर्ष पर रहा। वर्ष 2019 में दूसरे और 2020 में तीसरे स्थान पर रहा।

इन कामों से बदनाम हुआ बोर्ड

दवा खरीद घोटाले में सीबीआइ ने कैंट अस्पताल से तीन कर्मी की गिरफ्तारी।

कैंट कर्मचारी 10 लाख रुपये घूस लेते पकड़ा गया।

तत्कालीन सीईओ राजीव श्रीवास्तव अश्लील फोटो भेजने के मामले में बदनाम।

210बी का आरआर माल ध्वस्तीकरण में चार लोगों की मौत।

वाहन प्रवेश शुल्क के मामले में कोर्ट से अवमानना पर बोर्ड अध्यक्ष व सीईओ की कोर्ट में पेशी।

ये बड़ी कार्रवाई हुईं

सीईई अनुज सिंह की सेवा समाप्ति व पद खत्म।

अवैध तरीके से बने 210 बी का आरआर माल का ध्वस्तीकरण।

इन कामों से जनता को परेशानी

आठ की जगह 11 जगह से वाहन प्रवेश शुल्क की वसूली।

ट्रेड लाइसेंस शुल्क से व्यापारियों में असंतोष।

राजनीतिक उठापटक

वर्ष 2015 में जब चुनाव हुआ तो केवल दो वार्ड से भाजपा समर्थित सदस्य जीतकर आए थे। इन छह साल में एक को छोड़कर सभी सात सदस्य भाजपा के हुए, लेकिन केवल नाम ही भाजपा का रहा, काम सदस्यों ने अपने हिसाब से ही किया। जुलाई 2015 में बीना वाधवा उपाध्यक्ष बनी। जिन्हें हटाकर कुछ समय के लिए विपिन सोढ़ी उपाध्यक्ष बने। फिर फरवरी 2021 में विपिन सोढ़ी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर बीना वाधवा दोबारा से उपाध्यक्ष बनीं। निर्वाचित सदस्यों में वार्ड छह की सदस्य मंजू गोयल की कोरोना की वजह से निधन हो गया।