दूसरी लहर में आंशिक लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 4 हजार लोगों पर दर्ज हुआ मुकदमा

Meerut। कोरोना काल में आंशिक लॉकडाउन का नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी शिकंजा अब कड़ा होने वाला है। दरअसल, लॉकडाउन तोड़ने वालो के खिलाफ दर्ज हुए महामारी एक्ट के मुकदमों में पुलिस ने चार्जशीट लगाकर कोर्ट में भेज दी है। अब इन मुकदमों में सुनवाई शुरू होते ही संबंधित व्यक्ति को कोर्ट में पेशी के लिए नोटिस भेजा जाएगा।

दो हजार मुकदमे

आंकड़ों पर नजर डालें तो लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में एक मई से लेकर सात जून के बीच चार हजार मुकदमे महामारी एक्ट में दर्ज हुए हैं। जिसमें से दो हजार मुकदमों में पुलिस ने चार्जशीट लगाकर कोर्ट में भेज दी गई है। अन्य मुकदमों में भी एसएसपी ने पुलिस को जल्द ही चार्जशीट लगाने के निर्देश दिए हैं।

मेरठ में यूं तो 22 मार्च 2020 से लकर सात जून 2021 तक 7666 मुकदमे दर्ज हुए हैं। मगर साल 2021 में एक मई से लेकर सात जून तक चार हजार मुकदमे दर्ज हुए हैं। जिन पर चार्जशीट लगाने के आदेश एसएसपी ने सभी थानेदारों और सीओ को दिए थे। दो हजार मुकदमों पर तो पूरे जिले की पुलिस ने चार्जशीट लगा दी है। जबकि दो हजार मुकदमों में चार्जशीट लगनी बाकी है। साथ ही बता दें कि पिछले साल जो मुकदमे दर्ज हुए थे उन पर चार्जशीट पिछले साल ही संबंधित थानों की पुलिस ने लगाकर कोर्ट में भेज दिया था।

क्या है कार्रवाई का प्रावधान

कार्रवाई का प्रावधान भी महामारी एक्ट की धारा 188 में बना हुआ है। यदि कोई व्यक्ति सरकार या सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिए गए आदेशों का उल्लंघन करता है तो कम से कम एक महीने की जेल या कम से कम दो रूपये तक जुर्माना और दोनों भी हो सकते हैं। न्यायिक अधिकारी के विवेक पर निर्भर करता है कि वह जेल भेजे या फिर जुर्माना लगाकर छोड़ दे।

एक नजर में

मेरठ में एक मई से लेकर सात जून तक 4000 हजार मुकदमे महामारी एक्ट की धारा 188 में दर्ज हुए।

2000 केसों में अब तक संबंधित थानों के सीओ द्वारा चार्जशीट लगाकर भेजी जा चुकी है कोर्ट।

2000 केसों में जल्द ही लगेगी चार्जशीट, एसएसपी ने जारी कर दिए हैं निर्देश।

किसी भी केस में नहीं लगाई जाएगी एफआर, एसएसपी ने सख्ती कार्रवाई के दिए हैं आदेश।

महामारी एक्ट में दर्ज मुकदमों में चार्जशीट लगाने के आदेश सभी थानेदारों और सीओ को दे दिए गए हैं। जिन्होंने महामारी में प्रशासन का सहयोग नहीं किया, उनके खिलाफ चार्जशीट लगाकर कोर्ट में भेजी जा रही है।

अजय साहनी, एसएसपी

महामारी एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ है तो चार्जशीट लगने पर कोर्ट से नोटिस जाएगा। जिसके बाद कोर्ट में पेश होना होगा। इसके बाद आगे की न्यायिक प्रक्रिया चलेगी। यदि पुलिस फाइनल रिपोर्ट लगा देती है तो केस खत्म हो जाता है और कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

उपदेश शर्मा, एडवोकेट