53.2 फीसद तक पहुंचा कोरोना टीकाकरण

3887 सैंपलों की जांच में 17 में कोरोना वायरस मिला

43 मरीज होम आइसोलेशन में रखे गए हैं

Meerut। नई दिल्ली की तरह मेरठ में भी कोरोना का तेवर फिर बिगड़ने लगा है। माहभर पहले रोजाना एक-दो मरीजों तक सिमटा कोरोना अब दर्जनों को संक्रमित कर रहा है। शुक्रवार को 17 नए मरीज मिलने से विभाग में हाथ पांव फूल गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग बढ़ा दी गई है। सीएमओ डा। अखिलेश मोहन ने बताया कि शुक्रवार को 3887 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें 17 में वायरस मिला। 1172 सैंपलों की रिपोर्ट प्रतीक्षा में है। संक्रमितों में 13 पुरुष व चार महिलाएं हैं। 43 मरीज होम आइसोलेशन में रखे गए हैं। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा। ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि कोरोना वार्ड में मरीजों की संख्या सात मरीज भर्ती हैं।

95 रेलयात्रियों में एक संक्रमित

स्वास्थ्य विभाग लंबी दूरी की रेलगाडि़यों से आने वाले यात्रियों की जांच पर फोकस कर रहा है। शुक्रवार को बांद्रा से मेरठ होकर देहरादून जाने वाली ट्रेन से उतरे यात्रियों की जांच की गई, जिसमें एक पाजिटिव मिला। जांच टीम ने 95 यात्रियों की जांच की। स्टेशन पर पीपीई किट पहनकर घूम रही स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखकर लोगों में कौतूहल भी रहा।

बढ़ा है आंकड़ा

सीएमओ डा। अखिलेश मोहन ने बताया कि शुक्रवार को 68 सरकारी केंद्रों में 8700 लोगों का लक्ष्य था, जिसमें 5022 यानी 57 फीसद ने टीका लगवाया। यह आंकड़ा गत दिनों की तुलना में बढ़ा है। 41 निजी अस्पतालों में 17 बूथ संचालित किए गए, जिसमें 1700 लोगों के सापेक्ष 514 को टीका लगाया गया। कुल मिलाकर 109 केंद्रों पर 85 बूथ आयोजित हुए, जिसमें 10400 लोगों को टीका लगने का लक्ष्य था। इसमें 5536 यानी 53.2 फीसद को कवर किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने माना है कि निजी अस्पतालों में टीकाकरण का ग्राफ कमजोर बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने आंगनवाड़ी, आशा कार्यकत्रियों एएनएम को गांवों में पहुंचकर कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने का टास्क दिया है। उधर, विभिन्न केंद्रों पर 6119 लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया।

कोरोना से बचना जरूरी है, और आसान भी। ऐसे में टीका लगवाकर घर के बुजुर्गो और बीमारों को सुरक्षित करें। कोई लापरवाही न बरतें। सरकार ने टीका लगाने का पूरा बंदोबस्त किया है।

डा। अखिलेश मोहन, सीएमओ

कोरोना फिर फैल रहा है, ऐसे में तत्काल टीका लगवाएं। कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों सौ फीसद सुरक्षित वैक्सीन हैं। इनके खास साइड इफेक्ट नहीं। पहली डोज के डेढ़ माह में पूरी एंटीबाडी बन जाएगी।

डा। ममतेश गुप्ता, सीनियर कार्डियोलोजिस्ट