सीबीएसई के जारी किए निर्देश, स्कूल संचालक बोले, स्टूडेंट्स के लिए बेहतर फैसला

क्वालिटी एजुकेशन को मिलेगा बढ़ावा, एंट्रेस एग्जाम्स की भी होगी तैयारी

Meerut। सीबीएसई ने इस बार स्टूडेंट्स के लिए बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत नए सेशन को बोर्ड ने दो सेमेस्टर में बांट दिया है। यानी अब 50-50 प्रतिशत सिलेबस के साथ सीबीएसई दो टर्म एग्जाम करवाएगा। बोर्ड के इस फैसले को जहां सिटी के स्कूल प्रिंसिपल्स बहुत पॉजिटिव डिसीजन मान रहे हैं वहीं इससे क्वालिटी एजुकेशन को भी बढ़ावा मिलेगा।

पढ़ाई पर रहेगा फोकस

स्कूल प्रिंसिपल्स का कहना है कि इस फैसले से स्टूडेंट्स का पढ़ाई पर फोकस बढ़ेगा। दोनों टर्म के लिए उन्हें डीप स्टडी करनी होगी। इससे क्वालिटी ऑफ एजुकेशन इंप्रूव होगा। कोरोना काल में जो स्टूडेंट्स पढ़ाई से बेपटरी हो गए हैं। इस फैसले के बाद अब उन्हें और ज्यादा ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित करना होगा।

अटेंडेंस बढ़ेगी

पिछले दो सालों में ऑनलाइन क्लासेज की वजह से अटेंडेंस काफी शॉर्ट चल रही थी। इस फैसले की वजह से अटेंडेंस भी बढे़गी। स्टूडेंट्स को क्लास करनी ही पड़ेगी। बोर्ड एग्जाम के नए मॉडल में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में स्टूडेंट्स को अपडेट रहना पड़ेगा।

एंट्रेस एग्जाम्स की तैयारी

स्कूल प्रिंसिपल्स का मानना है कि बोर्ड के नए पैट्रर्न से स्टूडेंट्स को एंट्रेस एग्जाम्स की तैयारी करने में भी काफी मदद मिलेगी। एमसीक्यू होने की वजह से स्टूडेंट्स को एक-एक वाक्य और टॉपिक क्लीयर होगा। जिससे उनकी आगे की तैयारी भी मजबूत होगी।

इनका है कहना

स्टूडेंट्स का पढ़ाई पर अब कंप्लीट फोकस रहेगा। ऑनलाइन सिस्टम मजबूत होगा। हालात कैसे भी रहे एजुकेशन सिस्टम अब बेपटरी नहीं होगा। रेग्यूलरटी बनेगी और एग्जाम व पढ़ाई प्रॉपर होगी। स्कूल, टीचर्स और स्टूडेंट्स के लिए ये बहुत अच्छा फैसला है।

एके दूबे, प्रिंसिपल, दीवान पब्लिक स्कूल

हम बोर्ड के इस फैसले को बहुत पॉजिटिव मान रहे हैं। स्टूडेंट्स को अब ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों ही तरह से पढ़ाई पर पूरा फोकस करना होगा। इससे क्वालिटी ऑफ एजुकेशन को इंप्रूव करने में पूरी मदद मिलेगी। स्टूडेंट्स को इससे काफी फायदा होगा।

सपना आहूजा, प्रिंसिपल, एमपीजीएस शास्त्रीनगर

बोर्ड का फैसला सबके लिए बहुत बेहतर है। कोरोना काल में जिस तरह के रिजल्ट्स सामने आए हैं, उसके बाद पूरा सिस्टम फिर से रेग्यूलर होगा। क्लासेज किसी भी मोड में हों, स्टूडेंट्स को पढ़ाई और एग्जाम दोनों में पार्टिसिपेट करना ही पड़ेगा।

डॉ। वाग्मिता त्यागी, वाइस प्रिंसिपल, गार्गी ग‌र्ल्स स्कूल