बोर्ड का जारी फरमान

बोर्ड ने सभी स्कूल्स से 2014-15 से रिवाइज्ड एनुअल मैनडेटरी स्पोर्ट्स फी लागू करने का फरमान जारी किया है। इसके साथ ही नए सेशन में गेम्स की लिस्ट में चार और इवेंट्स भी एड हुए है। इनमें भी रिजनल और नेशनल लेवल पर कॉम्पटीशन करने तय हुए है।

10,000 रुपये हुई फीस

बोर्ड अब तक हर इंडीपेंडेंट सीबीएसई स्कूल से पांच हजार रुपये एनुअल मैडेंटरी स्पोर्ट्स फीस चार्ज करता था। नए सेशन में बोर्ड ने इस फीस को दोगुना कर दिया है। बोर्ड ने इसका सर्कुलर जारी कर दिया है। सभी स्कूल्स को रीजनल बोर्ड ऑफिस में स्टूडेंट्स की संख्या का ब्यौरा और फीस जमा करने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड ने फीस को डबल कर स्कूलों को झटका तो दिया ही है। साथ ही स्कूल मैनेजमेंट को भी स्टूडेंट्स की फीस बढ़ाने का अच्छा खासा मौका दे दिया है।

महंगाई है मेन रीजन

बोर्ड ने स्पोर्ट्स फी बढ़ाने का मुख्य कारण महंगाई को बताया है। स्पोट्र्स में बदलते ट्रेंड एंड प्राइम राइज को देखते हुए एनुअल फी बढ़ाने का फैसला लिया गया है।

स्टूडेंट्स देखते हैं सपना

ऋषभ एकैडमी के स्पोर्ट्स टीचर अमित बताते हैं कि थ्री लेवल पर होने वाले स्पोट्र्स कॉम्पटीशन में सिटी के लगभग 1.75 लाख स्टूडेंट्स भाग लेते हैं, जिसमें कलस्टर, जोनल और नेशनल लेवल पर 20 से 25 इवेंट्स होते हैं। ट्रांसपेरेंसी मेंटेन करने के लिए अलग से फिजिकल एजुकेशन स्पोट्र्स एंड गेम्स पोर्टल पहले से ही स्टार्ट कर दिया जाता है। इस बेवसाइट पर सीबीएसई के इंटर स्कूल स्पोट्र्स एंड गेम्स कॉम्पटीशन की पूरी इन्फॉर्मेशन है। इसके अलावा इस बार एनुअल कैलेंडर भी शामिल किया गया है। काफी खर्च तो इन्हीं में आ जाता है।

फैसेलीटिज भी है रीजन

एमपीएस की प्रिंसीपल अनिता त्रिपाठी ने बताया कि नए सेशन में चार नए गेम्स भी एड हो गए हैं, जिनमें आर्चरी, राइफल, शूटिंग और वूशू होंगे। नए गेम्स बढऩे के साथ ही स्कूलों में सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी, इसलिए फी इतना बढ़ा इशू नहीं होना चाहिए।

"इंटर स्कूल स्पोट्र्स एंड गेम्स कॉम्पटीशन बोर्ड की सेल्फ फाइनेंस एक्टीविटी है। बोर्ड ग्रांट, इक्विपमेंट व सर्टिफिकेट प्रोवाइड करवाने पड़ते हैं। इसके साथ ही प्लेयर भी तैयार करने के लिए चाचा नेहरु स्पोर्ट अवार्ड के नाम से स्कॉलर शिप कराई जाती है."

पुष्कर बोहरा, सीबीएसई स्पोर्ट्स हेड

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