Meerut। नई शिक्षा के तहत सीसीएसयू ने अगले साल से बंद होने वाली एमफिल को एक साल पहले ही बंद कर दिया है। ताकि वो स्टूडेंट जो इस साल एमफिल करना चाहते हैं, सीधा नेट की तैयारी में जुट जाए व पीएचडी में एडमिशन ले सकें। वहीं स्टूडेंट का एक साल न भी खराब न हो।

जरा समझ लें

नई शिक्षा नीति में ये हवाला दिया गया है कि जो भी पीएचडी हो रही थी उनमें एडमिशन के लिए एमफिल वालो को प्री-पीएचडी में डायरेक्ट एडमिशन मिला करता था। जबकि अगर हम रिसर्च वर्क को चार साल की ग्रेजुएशन डिग्री में ही फॉलों करें तो उससे स्टूडेंट का एक साल बच जाता है। वहीं स्टूडेंट की नॉलेज बढ़ेगी और उसके बेहतर रिजल्ट सामने आएंगे, ऐसे में क्वालिटी एजुकेशन की खातिर सीसीएसयू ने एक साल पहले ही एमफिल को बंद करने का फैसला ले लिया। वहीं स्टूडेंट का एक साल बचे और वो नेट या कुछ और तैयारी इसी साल से शुरू कर दें।

नई शिक्षा नीति को देखते हुए स्टूडेंट के हित में ये फैसला लिया गया है। फिलहाल जब तक यूजीसी के नए नियम नहीं आते हैं, तब तक पुराने नियमों के आधार पर ही पुराने स्टूडेंट को प्री-पीएचडी में एडमिशन मिलेगा। अगर इस बीच कोई गाइडलाइन आती है तो उसको लागू किया जाएगा।

प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू