-सीसीएसयू ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को अनदेखा कर बनाया था ऑर्डिनेंस

-लिंगदोह की सिफारिशों के विपरीत एनेक्जर 4डी के बजाय एनेक्जर 4ए को कर लिया एडॉप्ट

- जिला प्रशासन ने कहा, प्रकरण की पड़ताल की जाएगी

आई इनवेस्टीगेट

Meerut: साल 2014 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलपति प्रो। वीसी गोयल के निर्देशन में न सिर्फ गलत ऑर्डिनेंस को सीसीएस यूनीवर्सिटी ने बनाया बल्कि उसे आज भी इम्प्लीमेंट कर रही है। 14 पेज के इस आर्डिनेंस पर तत्कालीन वीसी समेत 11 मेंबर्स के साइन हैं। यह ऑर्डिनेंस सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ है, जिसमें कहा गया है कि छात्र संघ चुनाव पूरी तरह लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक ही कराए जाएंगे। इसके वितरीत इलेक्शन के मॉड्यूल को इस ऑर्डिनेंस में बदल लिया गया। अफसोसजनक यह है कि यह आर्डिनेंस आज भी प्रभावी है। आईनेक्स्ट के हाथ लगे यूनीवर्सिटी के इस आर्डिनेंस में स्टूडेंस इलेक्शन डायरेक्ट (एनेक्जर 4ए) के तहत कराने का प्रावधान पास किया गया है जबकि लिंगदोह की सिफारिश के मुताबिक, सीसीएसयू बड़ी यूनिवर्सिटी होने के कारण यहां केवल इनडायरेक्ट चुनाव (एनेक्जर 4डी) ही हो सकते हैं।

ये गड़बड़ है

- सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत एपेन्डिक्स 6.2.4 में दर्ज एनेक्जर 4डी के तहत होने चाहिए थे जबकि 2014 के आर्डीनेंस में एपेन्डिक्स 6.2.1 में दर्ज एनेक्जर 4ए के तहत चुनाव को मंजूरी दे दी गई। लिंगदोह की सिफारिशों में साफ लिखा है कि 4ए मॉड्यूल स्मॉलर यूनीवर्सिटीज, सिंगल कैंपस जैसे जेएनयू, यूनीवर्सिटी ऑफ हैदराबाद के लिए है।

इस समय चुनाव नहीं कराएंगे, तो हम पर आरोप लगेगा कि स्टूडेंट्स का रिप्रजेंटेशन नहीं देते। किसी भी तरह सही, रिप्रजेंटेशन तो दे ही रहे हैं।

प्रो। एनके तनेजा, वीसी

यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट इलेक्शन के लिए वाइस चांसलर और इलेक्शन कमेटी जिम्मेदार हैं। सीधे तौर पर मेरा इससे लेना-देना नहीं है। कहीं कुछ सही नहीं होगा तो उसे देखा जाएगा।

दीपचंद्र, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू

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यूनिवर्सिटी इलेक्शन में पुलिस-प्रशासन का रोल महज लॉ एंड आर्डर मेन्टेन करने का है। यूनिवर्सिटी ऑटोनॉमस बॉडी है, ऐसे में हमारा खास दखल नहीं है। कानून का अनुपालन नहीं होगा तो प्रशासन दखल देगा।

दिनेशचंद्र, प्रभारी डीएम एवं एडीएम प्रशासन