पहले सत्र की अध्यक्षता वीसी और दूसरे सत्र की अध्यक्षता प्रोवीसी ने की

ऑनलाइन व्यास समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां

Meerut। सीसीएसयू के संस्कृत प्राच्यभाषा विभाग द्वारा सोमवार को सात दिवसीय समारोह का शुभारंभ किया गया। समारोह का आयोजन यूट्यूब के माध्यम से किया गया। समारोह में पहले दिन दो सत्रों का आयोजन किया गया। इस दौरान पहले सत्र में मेरठ के तीन पवित्र स्थलों से लाए गए जल को कलश में स्थापित कर यज्ञ किया गया। इसके बाद समन्वयक वाचस्पति मिश्र एवं स्टूडेंट्स ने दीप प्रज्ज्वलित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वीसी प्रो। एनके तनजा ने की।

वातावरण हो जाता है पवित्र

इस दौरान वीसी ने महऋषि व्यास के विषय में बताते हुए कहा कि व्यास समारोह के आयोजन से यूनिवíसटी परिसर का वातावरण बहुत पवित्र हो जाता है। प्रतिवर्ष इस समारोह से नवीन ज्ञान और नवीन शोध की गंगा बहती है। यह समारोह संस्कृत और भारतीय संस्कृति को विश्व पटल पर और भी अधिक समृद्ध करता है। इस दौरान मुख्य अतिथि डॉ। विश्वनाथ सवाई ने व्यास समारोह की प्राचीनता के विषय में प्रकाश डाला और वायु पुराण की महत्ता का भी वर्णन किया।

संगीत से बांधा समां

दूसरे सत्र में शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति की गई। इस दौरान दिल्ली यूनिवíसटी की एसोसिएट प्रोफेसर एवं दिल्ली की प्रसिद्ध गायिका डॉ। दीप्ति बंसल ने प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। उनके साथ उनकी पुत्री मनस्वीनी ने भी उनका साथ दिया। इसके बाद डॉ। सुधाकर आचार्य त्रिपाठी द्वारा रचित शारदा प्रस्तुति की गई।

माहौल हुआ भक्तिमय

कार्यक्रम में शिव स्तुति देव स्तुति गोविंदा कम तथा भज गोविंद की भी अलग-अलग प्रस्तुति मनमोहक अंदाज में दी गई, जिससे माहौल भी भक्तिमय हो गया। दूसरे सत्र की अध्यक्षता प्रो। वीसी प्रोफेसर वाई विमला ने की। उन्होंने कहा वायु पुराण में संगीत शास्त्र की भी चर्चा की गई है। संगीत और संगीत की देवी सरस्वती की स्तुति से यह कार्यक्रम सभी के लिए मंगलकारी है।