पार्षद मिंटू के नंबर की सीडीआर निकलवा रही है कंकरखेड़ा पुलिस

सीडीआर के आधार पर संदिग्ध लोगों से की जाएगी पूछताछ

Meerut। कंकरखेड़ा में वार्ड 40 से पार्षद की मौत के प्रकरण में 48 घंटे बाद भी कंकरखेड़ा थाना पुलिस खाली हाथ है। हालांकि पुलिस ने सर्विलांस टीम को पत्र लिखकर पार्षद की तीन महीने की सीडीआर निकलवाने के लिए भी पत्र लिखा। वहीं मेयर सुनीता वर्मा शुक्रवार को कंकरखेड़ा में पार्षद मिंटू के घर पहुंची और पीडि़त परिवार के साथ दुख में शामिल हुई। सुनीता वर्मा ने भरोसा दिलाया कि इस दुख की घड़ी में वह पीडि़त परिवार के साथ खड़ी हैं।

क्या था मामला

कंकरखेड़ा के श्रद्धापुरी फेस वन में मनीष उर्फ मिंटू अपने परिवार के साथ रहते थे। वह नगर निगम से वार्ड 40 से पार्षद थे और बाईपास पर ब्लैक पेपर होटल के मालिक भी। गुरुवार सुबह ग्रामीणों ने देखा कि पाबली खास गांव में जंगल के पास एक क्रेटा कार स्टार्ट खड़ी हुई थी। ग्रामीण जब सुबह पौने सात बजे खेतों की तरफ जा रहे थे तो वे स्टार्ट कार को देखकर रूक गए। अंदर सिर में गोली लगा शव था। उन्होंने कंकरखेड़ा पुलिस को सूचना दी। पार्षद के परिजनों को जानकारी दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को घटनास्थल से बीस मीटर दूर खेत में तमंचे का खोखा बरामद हुआ था।

निकलवाई जा रही सीडीआर

पार्षद मिंटू के नंबर की सीडीआर निकलवाई जा रही है, जिसके आधार पर पुलिस अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाएगी। सीडीआर में जिन-जिन से लंबी बातचीत हुई है, उन सभी से पूछताछ करके पुलिस हत्या के कारण तलाशने की कोशिश करेगी। संदिग्ध लगने वाले लोगों से सख्ती से पूछताछ की जाएगी। इस बाबत एसएसपी अजय साहनी ने भी थाना प्रभारी तपेश्वर सागर को निर्देशित किया है।

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पुलिस ने क्यों माना आत्महत्या?

गुरुवार सुबह करीब 8 बजे वेंक्टश्वरा कॉलेज के पास से पार्षद मिंटू का गोली लगा शव क्रेटा कार से बरामद करने के बाद पुलिस ने मामले को आत्महत्या बताया था। यहां पुलिस पर बड़ा सवाल ये उठता है कि बिना मामले की जांच किए आखिर किन बिंदुओं पर पुलिस ने मामले को आत्महत्या मान लिया। वहीं अगर परिजन हत्या की आशंका जाहिए करते हुए तहरीर न देते तो मामला आत्महत्या का ही मान लिया जाता। गुरुवार देर रात परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने पार्षद की हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया।

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फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार

तमंचे से गोली किसने चलाई, इसके लिए भी फॉरेंसिक टीम ने पार्षद के हाथ से गोली का पाउडर लिया है। उसके फिंगर प्रिंट तमंचे से मिलान के लिए फॉरेंसिक लैब को भेजा गया है। फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट आने के बाद यदि पार्षद के फिंगर प्रिंट तमंचे से मैच हुए तो पुलिस आत्महत्या के बिंदु पर काम करेगी। यदि फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुए तो पुलिस सीडीआर वाली दिशा में जांच को तेजी से आगे बढ़ाएगी। कंकरखेड़ा इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर ने बताया कि पार्षद के नंबर की सीडीआर निकलवाई जा रही है, जिसके आधार पर जांच करने में मदद मिलेगी। पुराने मामलों की भी जांच की जा रही है।

कहीं कोई करीबी तो नहीं

कहीं पार्षद का हत्यारा कोई नजदीकी ही तो नहीं। ऐसा इसलिए भी लाजमी है क्योंकि परिजनों के मुताबिक पार्षद के पास 9 लाख रूपये कैश थे। जो पार्षद की मौत के बाद पुलिस को बरामद नहीं हुए। कहीं ऐसा तो नहीं कि रुपयों के लालच में किसी करीब ने पार्षद के साथ पहले शराब पी और गोली मारकर पार्षद की हत्या कर दी। साथ कैश लेकर गाड़ी से फरार होने से पहले हत्या को आत्महत्या दिखाने के लिए तमंचा पार्षद के हाथ में थमा दिया। कंकरखेड़ा इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर का कहना है कि रात में मिंटू के साथ गाड़ी में कौन था और 9 लाख कैश कहां गया, इन बिंदुओं को प्राथमिकता पर लेकर जांच-पड़ताल की जा रही है।

गाड़ी में किसकी एंट्री?

शाम को पांच बजे के बाद मिंटू ने अपने दोस्त और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ नहीं रहता था। पांच बजे के बाद उसकी गाड़ी में किसी की एंट्री नहीं होती थी। वह केवल अकेला ही गाड़ी में रहता था या फिर उसकी गर्ल फ्रेंड महिला डॉक्टर की गाड़ी में एंट्री होती थी। यदि मिंटू की हत्या हुई तो सबसे बड़ा सवाल यह है कि बुधवार देर रात उसकी गाड़ी में को किसकी एंट्री हुई थी, जिसने उसे मौत के घाट उतार दिया। जाहिर है कि वह कोई पार्षद का बड़ा विश्वास पात्र ही हो सकता है।

बायीं कनपटी पर गोली कैसे मारी?

गोली दाहिनी तरफ से प्रवेश करने के बाद बायीं तरफ से बाहर निकल गई। सवाल यह है कि पार्षद के दाहिने हाथ में तमंचा था, ऐसे में वह आराम से दाहिनी कनपटी पर ही सटाकर गोली मार सकता है। दाहिने हाथ का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति अमूमन बांयी कनपटी पर तमंचा क्यों सटाएगा। एक्सपर्ट के मुताबिक वैसे भी तमंचा अगर दाहिने हाथ से बायीं कनपटी पर मारा जाएगा तो गोली तिरछे सिर के पिछले हिस्से से निकलेगी न कि सुराग बनाती हुई सीधी। ऐसे में सवाल यह भी उठाता है कि कार में पार्षद की बगल की सीट पर कोई बैठा था, जिसने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस को पार्षद की गाड़ी से शराब की बोतलें भी बरामद हुई। जिससे साफ जाहिर होता है कि पार्षद के साथ गाड़ी में कोई मौजूद था। वहीं जिस जगह से पार्षद की गाड़ी और शव बरामद हुआ, वहां पार्षद किसके कहने पर पहुंचा।

कहां गए नौ लाख कैश?

पार्षद मिंटू की हत्या के मामले में पुलिस के सामने 9 लाख कैश ढूंढना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। आखिर गाड़ी से 9 लाख कैश कहां गायब हुआ और कैसे? इस सवाल का जवाब तलाशने में पुलिस जुटी हुई है। पुलिस ने बाईपास के अधिकतर सीसीटीवी भी चेक किए हैं। पुलिस ने उस होटल के सीसीटीवी भी देखे जहां मौत से पहले पार्षद रुका हुआ था।

सीसीटीवी में कैद दो युवक

मिंटू पार्षद की गाड़ी का पीछा करते हुए बाइकसवार दो युवक सीसीटीवी में दिखे। जिसके बाद पुलिस ने दोनों युवकों की पहचान कर पूछताछ के लिए उठाया। पुलिस की जांच में सामने आया कि दोनों युवक मोदीपुरम में एक कंपनी में जॉब करते हैं और रात को काम निपाटकर वह घर जा रहे थे। पुलिस ने पूछताछ के बाद दोनो युवकों को छोड़ दिया।

प्रेमिका पर पूछताछ

हत्या के एंगल को लेकर पुलिस ने पार्षद की गर्ल फ्रेंड महिला डॉक्टर को थाने में बुलाकर लंबी पूछताछ की। कंकरखेड़ा इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर के मुताबिक महिला डॉक्टर ने बताया कि वह पार्षद से प्यार करती थी। पार्षद के लिए उसने अपने पति तक को छोड़ दिया। ऐसे में भला वह अपने प्यार मिंटू की हत्या कैसे करा सकती है। पूछताछ के बाद पुलिस ने महिला डॉक्टर को फिलहाल छोड़ दिया है।

सभी बिंदुओं पर जांच कर कार्रवाई करने के लिए कंकरखेड़ा इंस्पेक्टर को निर्देशित किया गया है। जैसे-जैसे क्लू सामने आएंगे, वैसे-वैसे इस मामले में कार्रवाई आगे जारी रहेगी।

विनीत भटनागर, एसपी सिटी, मेरठ