मेरठ ( ब्यूरो)। बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए जारी नीति में परीक्षार्थियों की सुरक्षा व बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन संपन्न कराने के लिए केंद्र निर्धारण से ही सख्त व जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिए गए हैं। डीआईओएस को दिए गए निर्देशों के तहत जिन वित्तविहीन स्कूलों के प्रबंधक व प्रिंसिपल के मध्यम कोई विवाद हैं, उन्हें भी 2023 में परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। जिन स्कूलों के परिसर में प्रबंधक व प्रिंसिपल के आवास व छात्रावास बने हैैं, वे भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे। हालांकि राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों को इस शर्त से छूट दी गई है। इसके अलावा यदि कोई स्कूल दो खंडों में बना हुआ है उनके मध्य सार्वजनिक आवागमन है। मुख्य सडक़ व संपर्क मार्ग नहीं बना है, उन स्कूलों को भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
अनियमितता पर होगी कार्रवाई
निर्देशों के अनुसार अक्सर सार्वजनिक खिड़कियों का खुलना व संकीर्ण गली का होना भी नुकसान देता है। ऐसे में जिन स्कूलों के परीक्षा कक्ष की खिड़कियां सार्वजनिक सडक़ व संकीर्ण गली में खुलती हैं, उन्हें भी असुरक्षित होने के कारण परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों को इससे छूट दी गई है। सामूहिक नकल व अन्य किसी अनियमितता के कारण भी स्कूलों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
केंद्रों पर यह व्यवस्था है जरूरी
- परीक्षा केंद्रों में पेयजल की समुचित व्यवस्था हो
- स्टूडेंट्स के लिए अलग-अलग शौचालय होना चाहिए।
- अग्निशमन उपकरणों, बिजली की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए,

- सीटिंग अरेंजमेंट व सीसीटीवी कैमरों का पूरा इंतजाम होना चाहिए,
- आसपास कोई संगीत की दुकान व कोई शादी व विवाह मंडप या ऐसा कार्य न हो जिससे शोर मचे।

जिले में परीक्षार्थी
क्लास रेगुलर प्राइवेट
हाईस्कूल 43,292 107
इंटर- 39,411 2,555

यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण में शासन के दिशा निर्देश का पूरी गंभीरता के साथ पालन किया जाएगा। परीक्षार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जो निर्देश दिए गए है , उनका पालन किया जाएगा, केंद्रों का निर्धारण कार्य शुरू हो गया है सभी कुछ सोच समझकर किया जाएगा।
राजेश कुमार, डीर्आओएस प्रथम, मेरठ