जूम ऐप पर पर्सनल डिटेल न करें शेयर, बरतें सावधानी

- 100 लोगों को रखा जा सकता है कॉन्फ्रेंस में

- 3 महीने में शिकायतें दूर करने की बात कही है कंपनी ने

- 4 से ज्यादा देश कर चुके हैं बैन

- 20 गुना हो चुके हैं तीन महीने में यूजर

क्यों है चिंता

- टिकटॉक और जूम के ज्यादातर सर्वर चीन में हैं और इनमें कुछ कमजोरियां हैं।

- एक्सपर्ट के मुताबिक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग ऐप से मीटिंग का डाटा लीक हो सकता है।

- भारत सरकार ने सरकारी बैठकों के लिए इस ऐप के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

Meerut । देश में लॉकडाउन की वजह से बच्चों की स्टडीज से लेकर कंपनियों की मीटिंग तक इन दिनों जूम ऐप से हो रही है। हालांकि, जूम ऐप से डाटा चोरी हो जाने की शिकायत के बाद गृहमंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है। हालांकि, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के मुताबिक अगर हम सावधानी बरतें तो इन समस्याओं से काफी हद तक बच सकते हैं।

चेंज करें पासवर्ड

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट डॉ। विमल कुमार ने बचाव के लिए दिए कुछ टिप्स

अगर हम हर मीटिंग पर अपनी आईडी व पासवर्ड चेंज करें, तो इससे बचा जा सकता है।

इससे कोई अदर हमारी मीटिंग में एंट्री नहीं कर सकता है। क्योकि कई बार हमारी आईडी पासवर्ड लिंक गलती से शेयर हो जाता है।

कई बार अनऑथराइज्ड पर्सन बिना अनुमित के मीटिंग में एंट्री ले लेते हैं। वही हमारी पर्सनल डिटेल्स नंबर्स या आईडी के जरिए हैक कर लेता है।

एक मिस कॉल भी भारी

एक्सपर्ट के मुताबिक कई बार जब इस ऐप के जरिए गलत नंबर्स पर कॉल करते हैं तो मिस कॉल जाते ही डाटा कोई हैक कर सकता है।

कोड की है गड़बड़

कम्प्युटर साइंस इंजीनियर सत्यम राणा ने बताया कि ऐसे ऐप की आईडी अक्सर नार्मल नंबर्स में होती है। ऐसे में हैकर्स कई तरह के नंबर्स डालकर आईडी खोलने की कोशिश करता है। अगर कोई नंबर फिट हो जाता है तो वह पर्सनल मीटिंग मे आ सकता है और आपके फोन का पर्सनल डाटा हैक कर सकता है। इसलिए नंबर कोड हर बार बदलना जरुरी है। ऐसा कोड बनाए जो थोड़ा हार्ड हो।

लगा दी गई रोक

भारत सरकार ने सरकारी बैठकों में इसके इस्तेमाल पर गुरुवार को रोक लगा दी है।

यूनिवर्सिटी, कॉलेज में अभी जूम ऐप के जरिए ही स्टडी कराई जा रही है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

- वेटिंग रूम को अनेबल करें, ताकि कोई भी यूजर तभी शामिल हो सके जब होस्ट अनुमति दे।

- च्वाइन ऑप्शन को डिसऐबल कर दें।

- स्क्रीन शेयरिंग का ऑप्शन सिर्फ होस्ट के पास रखें।

- किसी व्यक्ति के लिए रिच्वाइन का ऑप्शन बंद रखें।

- फाइल ट्रांसफर के ऑप्शन का कम से कम इस्तेमाल करें।

- पर्सनल डाटा मीटिंग पर शेयर न करके मेल पर दें।

वर्जन

हर बार पासवर्ड बदलना बहुत जरुरी है। नहीं तो आपके पासवर्ड के हैक होने की आशंका रहती है। कोशिश करें उसी ऐप पर मीटिंग करे जो सेफ हो।

सत्यम राणा, कम्प्यूटर साइंस इंजीनियर

हमें आईडी पासवर्ड हर मीटिंग पर बदलना चाहिए। इसके अलावा पर्सनल डाटा मीटिंग में न शेयर करें। बल्कि मेल पर ही भेजें तो बेहतर होगा।

डॉ। विमल कुमार साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट