रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर भेजा जा रहा अस्पताल

पेशी के बाद 14 दिन अस्थायी जेल में रहना जरूरी

Meerut । कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिला कारागार भी सख्त हो गया है। एक बार फिर अस्थायी जेल में बंदियों को भेजना शुरू कर दिया गया है। जो भी बंदी कोर्ट में पेश होने के बाद जेल के लिए जा रहा है, उसका पहले कोविड टेस्ट कराया जा रहा है।

बरती जा रही सतर्कता

चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में संक्त्रमण न फैले, इसे लेकर पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है। इसी कड़ी में सीसीएसयू के समीप छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज को एक बार फिर अस्थायी जेल बना दिया गया है। किसी भी थाने से अदालत में पेशी के बाद जिन आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है, उनका कोविड-19 टेस्ट जरूरी कर दिया गया है। यदि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया जाता है।

रोज सेनेटाइजेशन

जेल सुपरिटेंडेंट बीडी पांडे ने बताया कि रोजाना जेल को सेनेटाइज कराया जा रहा है। जेल के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है। यहां तक कि यदि किसी बंदी की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो भी उसे अस्थायी जेल में 14 दिन रखने के बाद ही कारागार में शिफ्ट करने के आदेश दिए गए हैं। अस्थायी जेल में इस समय बंदियों की संख्या 150 है।

जिन बंदियों की जेल में एंट्री हो रही है, उनका कोविड टेस्ट कराया जा रहा है। कोविड रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें अस्थायी जेल में रखा जाता है। पॉजिटिव रिपोर्ट वाले बंदियों को उपचार के लिए भेज दिया जाता है।

बीडी पांडे

जेल सुपरीटेंडेंट